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पूर्व विधायक रघुबीर सिंह कादियान किसानों को लेकर बोले- लोकतंत्र में जनता सुप्रीम, सुननी चाहिए बात

डा. रघुबीर सिंह कादयान ने सूबे की गठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार में बैठे नेताओं को समझना चाहिए कि लोकतंत्र में जनता सुप्रीम होती है और उसे जनता की बात सुननी चाहिए। लेकिन जब जनता की बात सुनी नहीं जाती

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 14 Feb 2021 10:51 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 10:51 PM (IST)
पूर्व विधायक रघुबीर सिंह कादियान किसानों को लेकर बोले- लोकतंत्र में जनता सुप्रीम, सुननी चाहिए बात
राज्यपाल द्वारा कांग्रेस को समय नहीं दिए जाने पर भी बोले पूर्व स्पीकर एवं बेरी से विधायक डा. रघुबीर सिंह

झज्जर, जेएनएन। पूर्व स्पीकर एवं बेरी से विधायक डा. रघुबीर सिंह कादयान ने सूबे की गठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार में बैठे नेताओं को समझना चाहिए कि लोकतंत्र में जनता सुप्रीम होती है और उसे जनता की बात सुननी चाहिए। लेकिन, जब जनता की बात सुनी नहीं जाती तो फिर सरकार में बैठे नेताओं को जनता की नारजगी झेलनी पड़ती है। आजादी के 70 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब सरकार के सीएम व डिप्टी सीएम दोनों को अपने-अपने हलके की जनता का भारी विरोध झेलना पड़ा है और उनका हैलीकाप्टर तक जनता ने उतरने नहीं दिया।

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डा. कादयान अपने दौरे के दौरान कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद पत्रकारों को जवाब देते हुए कहा कि या तो इस सरकार द्वारा किसानों की बात मानी जाएगी या फिर सरकार सत्ता से बाहर जाएगी। कांग्रेस को राज्यपाल द्वारा समय नहीं दिए जाने पर पूर्व स्पीकर डा.कादयान ने कहा कि राज्यपाल के पद को सैल्यूट है।  लेकिन, मौजूदा समय में इस संवैधानिक पद को नीचा करने का काम किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों पर कादियान ने कहा कि अगर यह अमल में आता है तो किसान भूमिहीन हो जाएगा। सिर्फ उसे एक मजदूर की तरह काम करना पड़ेगा।

पीएम मोदी द्वारा किसानों व स्वयं उनके बीच एक कॉल की दूरी बताए जाने पर डा.कादयान ने कहा कि तंत्र यदि जनता के सामने झुकता है तो लोकतंत्र मजबूत होता है। वैसे तो प्रजातंत्र में किसी राजनेता व जनता के बीच एक कॉल की दूरी भी नहीं होनी चाहिए। फिर भी वह चाहते है कि पीएम मोदी जी को किसानों के बीच आकर उनकी बात सुननी चाहिए। उन्होंने फिर कहा कि यदि कृषि कानून यूं ही लागू रहता है तो मंडिया ठहर नहीं पाएगीं। एक समय आएगा किसान के खेत में होने वाली फसल की गुणवत्ता पर भी सवाल उठेंगे।


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