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खेतों में काम करते हुए दुर्घटना का शिकार होने वाले किसानों को दी जाएगी पांच लाख रुपये की मदद

किसान व खेतीहर कामगार को कृषि कार्याें के दौरान चोट लग जाती है तो सरकार की ओर से पांच लाख रुपये तक की आर्थिक मदद दी जा रही है। इस योजना के तहत फायदा उठाने को प्रशासन की ओर से किसानों व खेतीहर कामगारों में जागरूकता लाई जा रही है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 30 Dec 2021 08:09 AM (IST)Updated: Thu, 30 Dec 2021 08:09 AM (IST)
खेतों में काम करते हुए दुर्घटना का शिकार होने वाले किसानों को दी जाएगी पांच लाख रुपये की मदद
दुर्घटना के दौरान क्‍लेम मिलने की योजना को लेकर प्रशासन की ओर से किसानों को किया जा रहा जागरूक

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: अगर किसी किसान व खेतीहर कामगार को कृषि कार्याें के दौरान चोट लग जाती है तो सरकार की ओर से पांच लाख रुपये तक की आर्थिक मदद दी जा रही है। इस योजना के तहत फायदा उठाने के लिए प्रशासन की ओर से किसानों व खेतीहर कामगारों में जागरूकता लाई जा रही है। एसडीएम भूपेंद्र सिंह खुद लोगों को इस योजना के बारे में जानकारी दे रहे हैं और जरूरत पड़ने पर इस योजना का फायदा उठाने का आह्वान किया जा रहा है।

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कृषि कार्यो के दौरान खेतों, गांवों, मार्केट यार्ड तथा ऐसे स्थानों से आते-जाते दुर्घटना का शिकार हुए पीड़ितों को हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर जीवन सुरक्षा योजना के तहत पांच लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है। दरअसल, किसान एवं खेतीहर कामगारों को खेत-खलियानों में दिन-रात काम करना पड़ता है। इससे कई प्रकार की दुर्घटनाओं की संभावना रहती है। इसके लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है।

योजना के तहत सरकार द्वारा यह दी जा रही सहायता:

मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर जीवन सुरक्षा योजना के तहत दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने पर पांच लाख रुपये, रीढ़ की हड्डी टूटने या अन्य कारण से स्थाई अशक्तता होने पर दो लाख 50 हजार रुपये, दो अंग भंग होने पर या स्थाई गंभीर चोट होने पर एक लाख 87 हजार 500 रुपये की राशि दी जा रही है। इसी प्रकार एक अंग-भंग होने या स्थाई चोट होने पर 1 लाख 25 हजार रुपये, पूरी अंगुली कटने पर 75 हजार रुपये, आशिंक अंगुली भंग होने पर 37 हजार रुपये सरकार की ओर से अनुदान के रूप में मार्केट कमेटी के माध्यम से दी जाती है।

योजना का फायदा उठाने के लिए ये कागजात जरूरी: एसडीएम

एसडीएम भूपेंद्र सिंह ने बताया कि इस योजना का फायदा उठाने के लिए पुलिस रिपोर्ट व पोस्टमार्टम रिपोर्ट का होना जरूरी है। अशक्तता की स्थिति में प्रमाण पत्र व अंग हानि होने की स्थिति में शेष बचे हुए अंग की फोटो प्रति दावे के साथ प्रस्तुत करना होगा। आवेदक को दुर्घटना के दो महीने तक संबंधित मार्केट कमेटी के सचिव को आवेदन करना होगा। उन्होंने बताया कि आवेदन के बाद विभाग द्वारा 90 दिन के अंदर आर्थिक सहायता दी जाएगी।


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