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पहले मौसम की मार, अब डीएपी की दरकार

पहले ही मौसम की मार झेल रहे किसानों को डीएपी खाद की चिता सताने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 10:58 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 10:58 PM (IST)
पहले मौसम की मार, अब डीएपी की दरकार
पहले मौसम की मार, अब डीएपी की दरकार

संवाद सहयोगी, हांसी : पहले ही मौसम की मार झेल रहे किसानों को डीएपी खाद की चिता सताने लगी है। डीएपी के लिए किसानों में मारा-मारी देखने को मिल रही है। आलम ये है कि डीएपी खाद लेने के लिए किसान अल सुबह ही लाइन में लग रहे है। परंतु उसके बावजूद भी उन्हें डीएपी खाद नसीब नहीं हो रहा है। सोमवार को शहर में 11 बजे ही डीएपी खाद का स्टाक खत्म हो गया। वहीं विभाग की ओर से भी व्यवस्था बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं, परंतु वो सफल होते हुए नजर नहीं आ रहे है।

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शहर में प्राइवेट दुकानों पर डीएपी खाद का स्टाक न होना सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है। हालात ऐसे हैं कि पुलिस की देखरेख में डीएपी वितरित किया जा रहा है। खाद केंद्रों के बाहर लंबी लाइनें देखने को मिल रही है। डीएपी के कम बैग मिलने की बात सुनकर किसान साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल लेकर पहुंच रहे हैं। जब हांसी के इफको खाद केंद्र पर जाकर देखा गया तो वहां पर तैनात कर्मचारियों ने बताया कि पिछले साल की तुलना में उनके पास अबकी बार डीएसपी की डबल से भी ज्यादा डिमांड आ रही है। सोमवार को एक किसान को मात्र दो बैग ही वितरित किए गए। जिस किसान को डीएपी मिला वह स्वयं को भाग्यशाली समझ रहा था। सरसों बिजाई का बढ़ा रकबा

सीजन में सरसों के रेट ज्यादा होने के कारण अबकी बार सरसों का रकबा बढ़ा है। सरसों की फसल में कम खर्च है चाहे वह दवाई का हो या फिर डीजल खर्च। इसके साथ ही सरसों में मजदूरी भी कम लगती है। पिछले साल की तुलना में किसानों ने ज्यादा भूमि पर सरसों की बिजाई की है। इस समय सरसों की बिजाई चल रही है। दूसरी ओर जिन किसानों ने अगेती सरसों की बिजाई की थी बारिश के कारण वह बर्बाद हो गई थी। ऐसे में अब उन किसानों को दोबारा से सरसों की बिजाई के लिए डीएपी की जरूरत है। किसानों को आधार कार्ड पर पांच बैग वितरित किए जा रहे थे परंतु सरसों की अधिक बिजाई होने के कारण यह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। डीएपी की धड़ल्ले से हो रही कालाबाजारी

डीएपी की किल्लत के चलते कालाबारी भी देखने को मिल रही है। जहां एक ओर किसानों को डीएपी का एक बैग लेने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है, वहीं कई डीलरों के पास अब भी डीएसपी का स्टाक है। जिसके चलते वे मनचाहे दामों पर डीएपी दे रहे है। जहां एक ओर 1200 रुपये का रेट सरकार की ओर से निर्धारित किया गया है। वहीं कालाबाजारी के कारण यहीं 1500 में बिक रहा है। प्रशासन इस पर अंकुश लगाने में फेल साबित हो रहा है। डीएपी न मिलने पर भूख हड़ताल शुरू

किसानों को डीएपी न मिलने के कारण भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने हांसी के लघुसचिवालय के सामने धरना शुरू कर दिया गया है। किसानों का कहना है कि जब तक किसानों को खाद नहीं दिया जाएगा वे भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे। युवा किसान नेता कुलदीप खरड़ ने भूख हड़ताल पर बैठने का ऐलान किया है।


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