मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया रोहतक, हर तरफ पानी-पानी, प्रशासन के दावों की खुली पोल
कालोनियों व प्रतिष्ठानों के अलावा मुख्य सड़क पर भी जलजमाव हो गया। इससे आवागमन का रास्ता प्रभावित हुआ। लोगों का दावा है कि अधिकारियों ने जो दावे किए थे वह पूरी तरह से झूठ साबित हुए हैं। नालों की सफाई सही तरीके से होती तो यह हालत नहीं होते।
जागरण संवाददाता, रोहतक : रोहतक में बरसात के बाद एक बार फिर से नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, जन स्वास्थ्य विभाग और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के दावे धरातल पर खरे नहीं उतरे। बरसात के बाद शहर के प्रमुख बाजारों की सड़कें बरसाती पानी से लबालब हो ग ईं। शहर के प्रमुख सेक्टरों से जलजमाव के कारण आवागमन का रास्ता प्रभावित हो गया।
रोहतक में मौसम सुबह से ही बादल छाए हुए थे। दोपहर 12:00 बजे के बाद बूंदाबांदी शुरू हो गई। दोपहर 12:30 बजे जबरदस्त बरसात शुरू हुई। शीला बायपास से रोहतक रोहतक नहीं बस अड्डे तक ओवर ब्रिज के निर्माण का काम चल रहा है, इस कारण सीवरेज लाइन बंद हैं। नाले भी टूटे पड़े हैं। इस वजह से कई निजी होटलों के मुख्य गेट तक जलजमाव हो गया। इसके साथ ही कालोनियों व प्रतिष्ठानों के अलावा मुख्य सड़क पर भी जलजमाव हो गया। इससे आवागमन का रास्ता प्रभावित हुआ।
रोहतक के आजाद चौक के पास इतना पानी था कि बहाव में स्कूटी ही बह गई
लोगों का दावा है कि अधिकारियों ने जो दावे किए थे वह पूरी तरह से झूठ साबित हुए हैं। नालों की सफाई सही तरीके से होती तो यह हालत नहीं होते। इसी तरह किला रोड बाजार, रेलवे रोड बाजार, भिवानी स्टैंड, छोटू राम चौक, शौरी क्लॉथ मार्केट, झज्जर रोड, शांत माई चौक आदि स्थानों पर भी जलजमाव हो गया दूसरी ओर सेक्टरों में भी जलजमाव की शिकायतें सामने आ रही हैं।
सेक्टरों में किए थे अफसरों ने बड़े दावे
नगर निगम और एचएसवीपी के बीच करार हुआ था। इसमें नगर निगम को बरसाती पानी की निकासी का इंतजाम करना था। नगर निगम में सेक्टर 2-3 पार्ट सेक्टर 3 और सेक्टर 1 के देवी लाल पार्क के निकट डिस्पोजल का निर्माण करना था। यह टेंडर कुछ दिन पहले हुआ है। काम भी शुरू नहीं हुआ। इन डिस्पोजल ओं से एक नई लाइन जोड़ने थी जिससे बरसाती पानी की निकासी लाइनों के माध्यम से नहर में हो सके,.लेकिन काम करीब दो ढाई महीने लेट होने के कारण जल निकासी के ठोस इंतजाम नहीं हुए। सेक्टर वालों की मांग थी कि प्रमुख स्थानों पर पंपसेट रखे जाएं, जिससे बरसात होने के बाद जल निकासी हो जाए। सिंचाई विभाग के माध्यम से नगर निगम को पंपसेट रखवाकर जल निकासी का अस्थाई इंतजाम करना था। वहीं
बाजारों में हालात खराब
बाजारों की बात करें तो किला रोड बाजार में दो साल पहले सड़क और नाले का निर्माण हुआ था। नाले का निर्माण बेहद छोटा होने के जल निकासी समुचित नहीं होती। इस वजह से बाजार के लोगों को बड़ी दिक्कत है हो रही है। जलजमाव के कारण दुकानदारों में नाराजगी देखने को मिल रही है। रेलवे रोड बाजार के दुकानदारों का कहना है कि नाली और सड़क निर्माण के बावजूद भी यहां 22 फिट पानी भरा हुआ है चंदन नालों की सफाई हो जाती है पहले ही मशीनों से सीवरेज लाइनों की सफाई होती है तो यह हालात नहीं होते।