Move to Jagran APP

हिसार एचएयू अटल रैंकिंग में कृषि विश्वविद्यालयों में लगातार दूसरी बार देशभर में प्रथम, इन संस्थानों में भी मारी बाजी

साल 2020 में भी विश्वविद्यालय ने प्रथम रैंकिंग हासिल की थी लेकिन उस समय केवल 674 शिक्षण संस्थानों ने ही आवेदन किया था। इस बार देशभर से 1438 विश्वविद्यालयों और संस्थानों सहित सभी आईआईटी एनआईटी आईआईएस आदि ने हिस्सा लिया है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Wed, 29 Dec 2021 05:30 PM (IST)Updated: Wed, 29 Dec 2021 05:30 PM (IST)
हिसार एचएयू अटल रैंकिंग में कृषि विश्वविद्यालयों में लगातार दूसरी बार देशभर में प्रथम, इन संस्थानों में भी मारी बाजी
कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने विश्वविद्यालय परिवार को दी बधाई।

हिसार, जागरण संवाददाता। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार ने अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशन्स ऑन इनोवेशन एंड एचीवमेंटस में कृषि विश्वविद्यालयों में देशभर में प्रथम स्थान हासिल किया है। यह रैंकिंग बुधवार को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की ओर से जारी की गई है। ऑनलाइन माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में भारत सरकार के शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार मुख्यातिथि जबकि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल डी. सहस्रबुद्धे विशिष्ट अतिथि थे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने इस उपलब्धि के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारियों व विद्यार्थियों को बधाई दी है और इसी प्रकार निरंतर मेहनत कर आगे बढ़ते रहने का आह्वान किया है।

loksabha election banner

देशभर से 1438 विश्वविद्यालयों और संस्थानों में मारी बाजी

देशभर में अटल रैंकिंग योजना वर्ष 2018 में शुरू की गई थी। गत वर्ष 2020 में भी विश्वविद्यालय ने प्रथम रैंकिंग हासिल की थी लेकिन उस समय केवल 674 शिक्षण संस्थानों ने ही आवेदन किया था। इस बार देशभर से 1438 विश्वविद्यालयों और संस्थानों सहित सभी आईआईटी, एनआईटी, आईआईएस आदि ने हिस्सा लिया है, जिसमेें कृषि विश्वविद्यालयों में एचएयू को लगातार दूसरी बार प्रथम रैंकिंग जबकि सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों के सभी विश्वविद्यालयों की श्रेणी में देशभर में चौथा स्थान हासिल किया है।  इस साल 1438 उच्च शिक्षा संस्थानों ने रैंकिंग के लिए आवेदन किया था जबकि पिछले वर्ष केवल 674 संस्थानों ने आवेदन किया था। इस वर्ष फरवरी में रैंकिंग के लिए आवेदन किया गया था।

इन मापदंडों के आधार पर दी जाती है रैंकिंंग

अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशन्स ऑन इनोवेशन एंड एचीवमेंटस (्रक्रढ्ढढ्ढ्र) का नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है जिसका मुख्य उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए ही इस प्रणाली को शुरू किया गया है। इसमें कई सूचकों के आधार पर शिक्षण संस्थाओं को रैंकिंग दी जाती है।

सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों में देशभर में लगातार टॉप 10 में

विश्वविद्यालय को मिली इस रैंकिंग के लिए भारत सरकार द्वारा जो मापदंड निर्धारित किए गए हैं उनमें बौद्धिक संपदा अधिकार, इनोवेशन, स्टार्ट-अप तथा उद्यमिता के कार्यक्रम व गतिविधियां, आई एंड ई को स्पोर्ट करने के लिए प्री-इनक्यूबेशन एंड इनक्यूबेशन ढांचा तथा सुविधाओं के 7.5-7.5 प्रतिशत तथा आई एंड ई गतिविधियों को स्पोर्ट करने तथा उनको प्रोत्साहित करने पर खर्च किए गए वार्षिक बजट के लिए 13 प्रतिशत अंक निर्धारित किए गए थे। इनोवशन, बौद्धिक संपदा अधिकार, शोध तथा उद्यमिता कोर्सेज के लिए  पांच  प्रतिशत, बौद्धिक संपदा, तकनीक हस्तांतरण तथा वाणिज्य करण के लिए 32 प्रतिशत व सफल इनोवशन स्टार्ट-अपस के लिए 35 प्रतिशत अंक निर्धारित किए गए थे। विश्वविद्यालय की ओर से इस रैंकिंग के लिए 2020 में आवेदन किया था।

नित्त नई ऊंचाइयों को छू रहा है विश्वविद्यालय : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने बताया कि विश्वविद्यालय लगातार राज्य सरकार, केंद्र सरकार व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से निर्धारित मापदंडों को पूरा करते हुए आगे बढ़ रहा है। विश्वविद्यालय में स्थापित एबिक सेंटर उत्तर भारत का पहला और भारतवर्ष का दूसरा केंद्र है जो इनोवेशन, स्टार्टअप्स व उद्यमिता को बढ़ावा दे रहा है। ज्ञात रहे कि एबिक सेंटर को हाल ही में देशभर में सर्वश्रेष्ठ इंक्यूबेशन सेंटर के अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय एवं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की ओर से जारी की गई रैंकिंग

यह विश्वविद्यालय भारत में कृषि अनुसंधान में अग्रणी है और 1960 और 70 के दशक के दौरान भारत में हरित व श्वेत क्रांमि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विश्वविद्यालय का एक बहुत बड़ा परिसर है और पूरे राज्य में इसके कई अनुसंधान केंद्र हैं। इस विश्वविद्यालय ने शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार में प्रमुख भूमिका निभाते हुए भारतीय मूल के राष्ट्रीय स्तर के 50,000 से अधिक स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों और अंतरराष्ट्रीय मूल के 6,000 से अधिक छात्र यहां से शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं।  यहां से शिक्षित छात्र शिक्षाविदों, प्रशासन, कॉर्पोरेट जगत, उद्योग और व्यापक समुदाय जैसे विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए विश्वविद्यालय की एक संपति के रूप में कार्य कर रहे हैं और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा में अहम् योगदान दे रहे हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.