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अभी ठंडी नहीं हुई है किसान आंदोलन की आग, बहादुरगढ़ में बार-बार जुट रहे आंदोलनकारी

बहादुरगढ़ में बार बार किसान जुट रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत भी प्रत्‍येक 26 जनवरी को देश में ट्रैक्‍टर मार्च निकालने की घोषणा कर चुके हैं तो वहीं हरियाणा पंजाब के किसान एमएसपी को लेकर रणनीति बनाने में जुटे हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 04 Jan 2022 01:13 PM (IST)Updated: Tue, 04 Jan 2022 01:13 PM (IST)
अभी ठंडी नहीं हुई है किसान आंदोलन की आग, बहादुरगढ़ में बार-बार जुट रहे आंदोलनकारी
संयुक्त मोर्चा टिकरी बार्डर कमेटी ने हरियाणा-पंजाब के किसानों ने कई मसलों पर बैठक कर की चर्चा

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : किसान आंदोलन भले ही स्‍थगित हो चुका है, कृषि कानून वापस लिए जा चुके हैं मगर अभी भी किसान आंदोलन की आग पूरी तरह से ठंडी नहीं हुई है। बहादुरगढ़ में बार बार किसान जुट रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत भी प्रत्‍येक 26 जनवरी को देश में ट्रैक्‍टर मार्च निकालने की घोषणा कर चुके हैं तो वहीं हरियाणा पंजाब के किसान एमएसपी को लेकर रणनीति बनाने में जुटे हैं। इसी कड़ी में संयुक्त किसान मोर्चा की टीकरी बार्डर कमेटी ने सोमवार को बहादुरगढ़ में बैठक की। दिल्ली की सीमाओं पर एक साल तक डटे रहने के बाद पंजाब व हरियाणा के किसान दोबारा से बहादुरगढ़ में जुटे। शहर के छोटूराम धर्मशाला में कई घंटों तक बैठक चली।

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इसमें कई बार हंगामा भी हुआ। हरियाणा के किसानों के दो धड़े बने थे। एक-दो बार ऐसा भी हुआ जब वे बैठक को छोड़कर चले। मगर उनको दोबारा लाया गया। एमएसपी, केस वापसी और किसान स्मारक समेत सभी मांगों पर चर्चा की गई। अब तीन मार्च को जींद में दोबारा से इस कमेटी की बैठक होगी। इस बैठक में पंजाब से लगभग 20 किसान नेता आए थे।

बैठक के बाद जोगेंद्र नैन ने बताया हरियाणा-पंजाब का भाईचारा बना रहे। इसीलिए यह मीटिंग रखी गई और भविष्य में किसानों से जुड़ा कोई भी मसला आता है तो उसको लेकर साझी लड़ाई लड़ी जाएगी। 15 जनवरी को सिंघु बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी। तीन मार्च को दोबारा से जींद में टीकरी बार्डर कमेटी की बैठक होगी। वहीं पंजाब के किसान नेता परगट सिंह ने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य संयुक्त किसान मोर्चा को मजबूत करने के अलावा एमएसपी पर गारंटी की मांग को पूरा करवाने पर भी चर्चा हुई।

इसके अलावा किसानों पर दर्ज केसों की वापसी और किसान स्मारक के मसले पर भी चर्चा की गई। जब तक सभी मांग पूरी नहीं होती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। वहीं बलदेव सिंह ने कहा कि जब हमने बार्डर छोड़ा था तो यह साफ कर दिया था कि यह आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। केस वापसी के अलावा मुआवजा और नौकरी के सभी मसलों पर संघर्ष जारी है। टीकरी बार्डर पर किसानों की याद में स्मारक बनाने के लिए दिल्ली सरकार से जमीन की मांग तेज की जाएगी। बैठक में अमरजीत सिंह, कुलदीप सिंह, जीयालाल, जोगेंद्र तालुआला, जयकरण दलाल समेत काफी किसान शामिल थे।

कसार के युवक को जिंदा जलाने के मामले की जांच दूसरी टीम करेगी

संयुक्त किसान मोर्चा की टीकरी बार्डर कमेटी की ओर से आंदोलन स्थल पर कसार गांव के मुकेश को जिंदा जलाने की घटना में दर्ज केस को गलत ठहराया और इस मामले में आरोपिताें को निर्दोष ठहराते हुए मुख्यमंत्री से मुलाकात करने की बात कही है। जोगेंद्र नैन ने कहा कि सरकार ने इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच से कराने का आश्वासन दिया है। वहीं बंगाल की युवती से दुष्कर्म के मामले में भी किसान नेताओं ने आरोपितों का बचाव किया।


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