पंजाब से आंदोलनकारियों की आवाजाही से कोरोना कैरी हाेने का डर, वैक्सीन भी नहीं लगवा रहे किसान
पंजाब में कोरोना के केस बढ़ने और वहां से आंदोलनकारियों की आवाजाही के कारण कोरोना कैरी होकर आने का डर बना हुआ है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बहादुरगढ़ में एचएल सिटी अपार्टमेंट में स्पेशल कैंप लगाया है मगर कोई किसान यहां वैक्सीन लगवाने नहीं आ रहा है।
हिसार/बहादुरगढ़, जेएनएन। कई राज्यों और प्रदेश के कई जिलो में कोरोना के केस बढ़ने के बाद अब चिंता फिर पैदा हो गई है। पंजाब में कोरोना के केस बढ़ने और वहां से आंदोलनकारियों की आवाजाही के कारण कोरोना कैरी होकर आने का डर बना हुआ है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बहादुरगढ़ में बाईपास पर एचएल सिटी अपार्टमेंट में स्पेशल कैंप लगाया है, मगर कोई किसान यहां वैक्सीन लगवाने के लिए नहीं आ रहा है।
दरअसल, कोरोना के मामले पर तो ये आंदोलनकारी पहले दिन से न केवल अड़ियल बने हुए हैं बल्कि मंच से कई वक्ता तो इस महामारी काे ही साजिश बता देते हैं। जब आंदोलन शुरू हुआ, उस समय झज्जर जिले में भी कोरोना के एक्टिव केस खूब थे। तब स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद इनमें से कोई भी कोराेना टेस्ट करवाने के लिए आगे नहीं आया था। विभाग ने सात जगहों पर मेडिकल कैंप जरूर लगाए। उसके बाद जैसे-जैसे कोराेना के केस कम हो गए, वैसे-वैसे विभाग की भी चिंता कम हो गई।
जनवरी मध्य में तो वैक्सीनेशन का दौर ही शुरू हो गया, लेकिन अब जिस तरह से देश भर में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं और पंजाब में स्थिति बिगड़ रही है, उससे बहादुरगढ़ में विभाग की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। इसकी वजह साफ है। रोजाना पंजाब से सैकड़ों आंदोलनकारी वापस लौटते हैं और दूसरे यहां पहुंचते हैं।
यही लोग बाजार में खरीददारी के लिए भी आते हैं। ऐसे में डर यह है कि पंजाब से इस आवाजाही के कारण कहीं बहादुरगढ़ में फिर से कोरोना के केस बढ़ न जाए। बहादुरगढ़ में कोरोना वैक्सीनेशन के नोडल ऑफिसर डा. सुंदरम कश्यप ने बताया कि अभी तक तो किसी भी आंदोलनकारी ने टीका नहीं लगवाया। विभाग लगातार उन्हें समझा जा रहा है।