कोराेना की आड़ में आंदोलन खात्मे की आस लगाए बैठी सरकार को आज ताकत दिखाएंगे आंदोलनकारी
आंदोलन को मजबूती देने के लिए पंजाब से भारी संख्या में आंदोलनकारियों को बुलाया है। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के आह्वान पर भारी संख्या में आंदोलनकारियों के जत्थे पंजाब से रवाना हो चुके हैं। कुछ जत्थे रात को पहुंच गए हैं तो वीरवार तक पहुंचने की संभावना है।
बहादुरगढ़, जेएनएन। कोराेना की आड़ में ऑपरेशन क्लीन चलाकर आंदोलनकारियों को यहां से उठाने की बात पर किसान नेताओं ने आंदोलन को मजबूत करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। एक तरफ कोरोना संक्रमण फैल रहा है और कम से कम भीड़ जुटाने का आह्वान किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ किसान नेताओं की ओर से आंदोलन को मजबूती देने के लिए पंजाब से भारी संख्या में आंदोलनकारियों को बुलाया है। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के आह्वान पर भारी संख्या में आंदोलनकारियों के जत्थे पंजाब से रवाना हो चुके हैं। कुछ जत्थे रात को पहुंच गए हैं तो कुछ वीरवार तक पहुंचने की संभावना है।
इन सभी आंदोलनकारियों के रहने और खाने-पीने का प्रबंध भी जुटाया जा रहा है। इस बार जो भी जत्था बुलाया जा रहा है, उनसे आंदोलन स्थल पर लंबा ठहरने का आह्वान किया जा रहा है। जत्थों की रवानगी को लेकर किसान नेता गुरबिंदर सिंह कोकरी कलां का कहना है कि सरकार उनकी मांगों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। इसलिए बार-बार कोरोना संक्रमण की दुहाई दी जा रही है। ऐसे में किसानों को भी जागरूक रहना होगा। यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है। ऐसे में हमें राजनीतिक दलों और विपक्षी दलों द्वारा चलाए जा रहे एजेंडों के प्रति जागरूक होकर तीनों कृषि सुधार कानूनों के रद होने तक अपना संघर्ष जारी रखना होगा।
जसविंदर सिंह लोगोवाल ने बताया कि सरकार कोरोना का नाम लेकर उनके आंदोलन को खत्म करना चाह रही है। सरकार बार-बार कह रही है कि आंदोलन स्थल पर संख्या कम हो गई है। मैं बताना चाहता हूं कि किसान गेहूं की फसल को लेकर पंजाब चले गए थे। इससे आंदोलन कमजोर नहीं हुआ था। अब गेहूं की फसल का काम पूरा हो चुका है। ऐेसे में उनके एक आह्वान पर फिर से किसान वापस आ गए हैं। अब आंदोलन को मजबूती दी जाएगी। रही बात कोरोना की तो हम उसको लेकर पंजाब से डॉक्टरों की टीम बुला रहे हैं जो कोरोना संक्रमण रोकने के लिए यहां खांसी व बुखार से पीड़ित किसानों की जांच करेगी।