Move to Jagran APP

अब किसानों की होगी चांदी, एचएयू ने इजाद की प्रति हेक्‍टेयर 91.5 क्विंटल उपज देने वाली गेहूं की किस्म

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में अनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के गेहूं अनुभाग के विज्ञानियों द्वारा हाल ही में गेहूं की डब्ल्यूएच 1270 किस्म को इजाद किया है जो देश में दूसरी सबसे अधिक पैदावार देने वाली किस्म है। यह किस्म सर्वाधिक 91.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देती है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 10:39 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 10:39 AM (IST)
अब किसानों की होगी चांदी, एचएयू ने इजाद की प्रति हेक्‍टेयर 91.5 क्विंटल उपज देने वाली गेहूं की किस्म
प्रोटीन व आयरन की अधिकता के साथ ही रोगरोधी भी है डब्ल्यूएच 1270 किस्म

वैभव शर्मा, हिसार। अभी तक गेहूं की उन्नत किस्में किसानों को प्रति हेक्टेयर यानी ढाई एकड़ में 60 से 75 क्विंटल तक पैदावार देती रही हैं। इस हिसाब से एक एकड़ में करीब 28 से 30 क्विंटल पैदावार मिलती रही है। मगर अब किसानों के भंडार गेहूं से और अधिक भरे रहेंगे और उन्हें नुकसान का जोखिम भी कम होगा। हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में अनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के गेहूं अनुभाग के विज्ञानियों द्वारा हाल ही में गेहूं की डब्ल्यूएच 1270 किस्म को इजाद किया है जो देश में दूसरी सबसे अधिक पैदावार देने वाली किस्म है। यह किस्म सर्वाधिक 91.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देती है।

prime article banner

जबकि पहले स्थान पर करनाल के भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान की डीबीडब्ल्यू 303 किस्म है जो 97.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देती है। यह किस्म पीला रतुआ और भूरा रतुआ, पत्ता अंगमारी, सफेद चूर्णी व पत्तियों की कांगियारी रोगों के प्रति रोगरोधी है। इसके साथ ही उच्च तापमान का भी इस किस्म पर कोई असर नहीं पड़ता। इसके लिए एचएयू सरकारी संस्थानों से बीज तैयार करा रहा है ताकि अगले सीजन तक किसानों को बीज उपलब्ध कराया जा सके।

12.4 प्रतिशत पाया जाता है प्रोटीन

इस किस्म में 12.4 प्रतिशत प्रोटीन, 37.9 पाट् र्स पर मिलियन (पीपीएम) लौह तत्व व 37.9 पीपीएम जस्ता तत्व पाया जाता है। जबकि आम किस्मों में 30 से 32 पीपीएम तक ही आयरन जस्ता तत्व पाया जाता है। इसके गेहूं के आटे से चपातियां भी मुलायम व खाने में स्वादिष्ट बनती हैं।

नार्थ वेस्टर्न जोन के लिए की गई है सिफारिश, अगेती बिजाई करने पर मिलती बेहतर पैदावार

एचएयू के गेहूं विज्ञानी डा. ओपी बिश्नोई ने बताया कि गेहूं की यह किस्म नार्थ वेस्टर्न जोन में उगाने के लिए काफी अच्छी है। इस जोन में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा व उदयपुर क्षेत्र को छोड़कर),पूर्वी उत्तर प्रदेश (झांसी क्षेत्र को छोड़कर), जम्मू-कश्मीर के कठुआ व जम्मू जिले, हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला व पांवटा घाटी और उत्तराखंड का तराई क्षेत्र प्रमुख रूप से शामिल हैं। इस किस्म की अगेती बिजाई की जाए तो यह काफी फायदेमंद रहेगी व बेहतर उपज मिलेगी।

इस समय करें बिजाई

गेहूं की डब्ल्यूएच 1270 किस्म को 25 अक्टूबर से पांच नवंबर तक बिजाई के लिए उत्तम माना है। यह किस्म 156 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसकी औसत ऊंचाई भी 100 सेंटीमीटर तक होती है, जिसके कारण यह खेत में गिरती नहीं। अगेती बिजाई यानी अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में बिजाई करने पर इसकी अधिक पैदावार ली जा सकती है। इस किस्म की बिजाई के लिए सिफारिश किए गए उर्वरकों पर गौर करें तो 150 प्रतिशत एनपीके, छह टन गोबर की खाद प्रति एकड़ और वृद्धि नियंत्रकों का प्रयोग किया जाता है।

डब्ल्यूएच 1105 किस्म से डब्ल्यूएच 1270 किस्म की तुलना

गेहूं की डब्ल्यूएच 1105 किस्म कीऔसत पैदावार 60 क्विंटल से 72 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है। यह किस्म पीला रतुआ की रोगरोधी है। इसे एचएयू के विज्ञानियों ने 2013 में विकसित किया था, मगर लोगों के पास यह 2015 तक पहुंची थी। इसे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के समतल क्षेत्रों में उगाया जाता है। अब एचएयू द्वारा इजाद की गई किस्म डब्ल्यूएच 1270 की अगेती बिजाई करने पर प्रति हेक्टेयर 91.5 क्विंटल उपज मिल सकेगी।

-----

विश्वविद्यालय लगातार किसानों को रोगरोधी व अधिक उपज की नई- नई किस्में प्रदान कर रहा है। किसानों से फीडबैक लेकर विज्ञानी नई किस्में विकसित करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं। इसी कड़ी में गेहूं की डब्ल्यूएच 1270 किस्म को इजाद किया गया है ।

-प्रो. बीआर कांबोज, कुलपति, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.