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रोहतक के महम शुगर मिल में धरने पर बैठे किसान, जानिए वजह

प्रशर्दनकारी किसानों ने कहा कि पिछले वर्ष उनकी बांड सिक्योरिटी 60 से 70 हजार थी। लेकिन इस बार इसे बढ़ाकर 90 हजार कर दिया है। किसानों ने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक धरना समाप्त नहीं होगा। इसके लिए चाहे मिल कितने दिन बंद रहे।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sat, 01 Jan 2022 06:51 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jan 2022 06:51 PM (IST)
रोहतक के महम शुगर मिल में धरने पर बैठे किसान, जानिए वजह
किसानों ने मांग मनवाने के लिए शुरू किया धरना।

संवाद सहयोगी, रोहतक (महम)। महम शुगर मिल पिछले चार दिनों से बंद रहने व किसानों की गन्ने की बांड सिक्योरिटी बढाए जाने पर किसानों में रोष है। किसानों का कहना है कि पिछले वर्ष उनकी बांड सिक्योरिटी 60 से 70 हजार थी। लेकिन इस वर्ष इसे बढाकर 90 हजार कर दिया गया है। जो किसानों के साथ नाइंसाफी है। मिल में धरने पर बैठे किसान बलवान बहलबा, जगबीर भाटोल, तेलू बास, सुभाष मिताथल, मदन भाटोल, राजा भाटोल, कुलदीप बहलबा, कुलदीप बडेसरा, राजा पपोसा, सूरजमल बहलबा, जयभगवान आदि ने बताया कि पिछले चार दिनों से मिल बंद है, जिससे उनके गन्ने के साधन खाली नहीं हो पा रहे हैं।

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मिल की ओर से किसानों की सिक्योरिटी बढ़ाए जाने के विरोध में दिया धरना 

कई दिनों तक मिल में ही अपने गन्ने के पास रहना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी बांड सिक्योरिटी को पहले साल की अपेक्षा इस वर्ष बढ़ा दिया गया है। किसानों ने कहा कि पिछले वर्ष उनकी बांड सिक्योरिटी 60 से 70 हजार थी। लेकिन इस बार इसे बढ़ाकर 90 हजार कर दिया है। किसानों ने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक धरना समाप्त नहीं होगा। इसके लिए चाहे मिल कितने दिन बंद रहे। उन्होंने मांग की है कि पांच हजार तक के बांड पर 15 हजार व इससे ऊपर होने पर 25 हजार की ही सिक्योरिटी रखी जाए। किसानों ने कहा कि अगर उनकी पेमैंट को और लेट कर दिया गया तो भी उनको प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ सकता है। 

किसानों समझाने की कोशिश

कैन मैनेजर एसपी सिंह व अन्य अधिकारियों ने किसानों को समझाने की कोशिश की लेकिन किसान उनकी बात सुनने के लिए राजी नहीं हैं। मैनेजर ने बताया कि यह सिक्योरिटी बांड की सीमा को लेकर रखी जाती है। उन्होंने बताया कि मिल में बांड का 85 फीसदी गन्ना लाना जरूरी होता है। अगर कम गन्ना लाए तो उस पर पैनल्टी लगाने का प्रावधान होता था। लेकिन पिछले कई वर्षों से पैनल्टी नहीं लगाई जा रही है। किसानों की जितनी भी सिक्योरिटी मिल के पास जमा होती है। किसान के अन्तिम बिल के साथ उसे किसान को दे दिया जाता है।

किसानों की मांग बोर्ड की मिटिंग में उठाऐंगे : एमडी

मेरे हाथ में इस समस्या का हल नहीं है। यह सिक्योरिटी बोर्ड के सदस्यों द्वारा रखी गई है। जब भी बोर्ड की मिटिंग होगी वे इस मांग काे उसमें उठाएंगे व सिक्योरिटी को कम करवाने की कोशिश करेंगे। लगभग एक माह मिल चलने के बाद मशीनरी की सफाई करना आवश्यक होता है। तीन दिन मशीनों की सफाई करने पर मिल को बंद करना पड़ा, अब मिल को चला दिया गया है।

--- दलबीर फौगाट, एमडी, शुगर मिल, महम।


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