Kisan Andolan: गर्मी के बीच आंदोलन को तेज करने की तैयारी, दिल्ली कूच से पहले बॉर्डर पर होंगी कई गतिविधियां
13 अप्रैल को दिल्ली की सीमाओं पर खालसा पंथ का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। साथ ही जलियांवाला बाग हत्याकांड की बरसी पर शहीदों के सम्मान में कार्यक्रम होंगे। इसके बाद 14 अप्रैल को भीमराव आंबेडकर की जयंती पर कार्यक्रम होगा।
बहादुरगढ़, जेएनएन। बढ़ती तपिश के बीच किसान संगठनों द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन को तेज करने का मन बनाया जा रहा है। आंदोलनकारी संगठनों ने मई के पहले पखवाड़े में संसद कूच का ऐलान कर रखा है। मगर इससे पहले कई गतिविधियां तय की गई हैं। शनिवार सुबह से रविवार सुबह तक तो आंदोलनकारी केएमपी और केजीपी पर जाम रखेंगे। उसके बाद भी पूरे महीने कोई न कोई गतिविधि तय की गई है, ताकि दिल्ली कूच से पहले धरने में शामिल आंदोलनकारियों का उत्साह ठंडा न पड़े।
13 अप्रैल को दिल्ली की सीमाओं पर खालसा पंथ का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। साथ ही जलियांवाला बाग हत्याकांड की बरसी पर शहीदों के सम्मान में कार्यक्रम होंगे। इसके बाद 14 अप्रैल को भीमराव आंबेडकर की जयंती पर कार्यक्रम होगा। किसान नेताओं ने बताया कि 14 अप्रैल को कैथल में उपमुख्यमंत्री का कार्यक्रम रखा है। किसानों व अन्य वर्ग से अपील की गई है कि शांतमयी तरीके से ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचकर इस कार्यक्रम को रद करवाने को जोर लगाएं।
आसपास के लोगों का किया जाएगा सम्मान
आंदोलन में आसपास के लोगों की भागीदारी व उनके समर्पण का सम्मान करते हुए 18 अप्रैल को सभी धरनों पर आसपास के लोगों का सम्मान किया जाएगा। उस दिन मंच संचालन की जिम्मेदारी भी स्थानीय लोगों को दी जाएगी। 20 अप्रैल को धन्ना भगत की जयंती पर उनके गांव से दिल्ली की सीमा पर मिट्टी लाई जाएगी। उनकी याद में टीकरी बॉर्डर मोर्चे पर कार्यक्रम होंगे।
150 दिन पूरे होने पर विशेष कार्यक्रम
24 अप्रैल को इस मोर्चे के 150 दिन पूरे होने पर एक सप्ताह के विशेष कार्यक्रम होंगे। इनमें किसानों व मजदूरों के साथ ही कर्मचारी, विद्यार्थी, नौजवान, कारोबारी व अन्य संगठनों को दिल्ली मोर्चा में शामिल होने का आह्वान किया जाएगा। संसद मार्च की निर्धारित तारीख का मोर्चे की अगली बैठक में विचार कर ऐलान कर दिया जाएगा।
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