भिवानी में मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर तीन गांवों के किसान नहीं करवा पाए फसलों का पंजीकरण
किसानों ने बताया उनके गांव में अब तक चकबंदी नहीं हुई है जिसके कारण ऑनलाइन सिस्टम पर रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा। सरकार ने किसानों के लिए मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर दर्ज कराने के लिए एक और मौका देते हुए 5 और 6 अप्रैल का दिन निर्धारित किया था
ढिगावामंडी [मदन श्योरान] प्रदेश सरकार एक ओर तो ऑनलाइन सिस्टम पर जोर दे रही है। दूसरी ओर पर्याप्त संसाधन व सुविधाओं के अभाव में किसानों को दर-दर भटकने के लिए विवश होना पड़ रहा है। मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण की अंतिम तारीख बढ़ाकर 5 और 6 अप्रैल निर्धारित की गई थी । लेकिन क्षेत्र के तीन गांवों के किसानों का पंजीकरण नहीं होने के कारण किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है। पंजीकरण नहीं होगा तो किसान अपना अनाज मंडी में लाकर नहीं बेच पाएंगे। किसानों ने बताया कि उनके गांव में अब तक चकबंदी नहीं हुई है जिसके कारण ऑनलाइन सिस्टम पर रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा।
सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर दर्ज कराने के लिए एक और मौका देते हुए 5 और 6 अप्रैल का दिन निर्धारित किया था। लेकिन गांव पहाड़ी, खरकड़ी और सिंघानी गांवों के किसानों का पोर्टल पर पंजीकरण नहीं होने के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है।
भाकियू के मंडल प्रधान स्वामी सदानंद सरस्वती, जिला प्रधान अशोक अमीरवास, कृष्ण कुमार, मदनलाल सिंघानी, मास्टर प्रेम सिंह पहाड़ी, मनोज कुमार, जगमोहन, प्रदीप, सुरजभान, रमेश आदि किसानों ने बताया कि जब से मेरी फसल मेरा-ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण आरंभ हुआ है, तब से ही कोई भी किसान अपनी फसल का ब्योरा पोर्टल पर दर्ज नहीं करवा पाया है। इस बारे में कृषि विभाग के कर्मचारियों को भी अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया है । अब किसान अपनी फसल को कैसे बेच पाएंगे।
भाजपा पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य वरुण श्योराण नई अनाज मंडी ढिगावा जाटान खर्च प्रक्रिया की व्यवस्था जानने के लिए पहुंचे तो किसानों ने पंजीकरण ना होने का मुद्दा उठाया तो उसी समय पार्टी के वरिष्ठ नेता वरुण श्योराण ने उच्च अधिकारियों से बात कर जल्द समाधान होने को कहा । किसानों को कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है सरकार एक-एक दाना खरीदेगी।