टिकरी बॉर्डर पर कृषि कानून विरोधियों ने आंदोलन के बीच मनाई होली, कानूनों की प्रतियां फूंकी
नया गांव चौक पर भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा की ओर से कृषि कानूनों की प्रतियों की होली जलाकर रोष जताया गया। स्टेज से ये आंदोलनकारी चलकर चौक पर पहुंचे थे। वहीं बाईपास पर दलाल खाप के भंडारा स्थल पर भी होलिका दहन किया गया।
बहादुरगढ़, जेएनएन। आंदोलन के बीच किसानों ने होली मनाई। कृषि कानूनोंं की कई जगह प्रतियां फूंकी गई। तंबुओं पर आंदोलनकारियों द्वारा गुब्बारे भी लगाए गए थे। नया गांव चौक पर भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा की ओर से कृषि कानूनों की प्रतियों की होली जलाकर रोष जताया गया। स्टेज से ये आंदोलनकारी चलकर चौक पर पहुंचे थे। वहीं बाईपास पर दलाल खाप के भंडारा स्थल पर भी होलिका दहन किया गया। यहां पर भी कानूनों की प्रतियां जलाई गई। इसके लिए आंदोलन स्थल के अलावा आसपास के गांवों से भी लोग पहुंचे। संयुक्त मोर्चा की ओर से होली तक की गतिविधियां तय कर रखी थी।
अब जल्द ही माेर्चा की फिर बैठक बुलाई जा सकती है। इसमें आगामी रणनीति तय की जाएगी। किसानों ने कहा यह पता नहीं था कि इस बार की होली यहां बितेगी। मगर अब चाहे कितने ही त्योहार यहां बीत जाएं जब तक आंदोलन वापस नहीं होते हम यहां से जाने वाले नहीं हैं। सरकार चाहे कितना भी जोर लगा ले, हम यहीं पर रहेंगे। किसानों ने कहा वे रंगों से भी त्योहार मनाएंगे।
हालांकि मन में बहुत दुख है कि उनको त्योहार के दिन परिवार की बजाय यहां रहना पड़ रहा है, मगर किसानों के हित के लिए वो किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। हमने अपनी तय घोषणा के अनुसार ऐसा ही किया है। जिंदगी और जमीन बची तो त्योहार तो मनाते रहेंगे मगर अगर यही नहीं रहे तो फिर हाथ में कुछ नहीं आएगा।
शहर में कई जगहाें पर हुआ होलिका दहन
उधर, शहर में जहां-जहां पर दिन में होलिका पूजन हुआ था, वहां पर शाम को दहन किया गया। तमाम गांवों में भी होलिका दहन हुआ। शहर के सतनारायण मंदिर के पास पारंपरिक ढंग से होलिका दहन किया गया। इसमें लोग भी जुटे और द्वेष को भूलकर खुशी के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लिया।