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किसान उच्च गुणवत्ता व रोग प्रतिरोधी किस्मों के बीज से बढ़ सकती है 20 फीसद तक पैदावार

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में शुक्रवार को बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में शुक्रवार को संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 05:37 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 05:37 AM (IST)
किसान उच्च गुणवत्ता व रोग प्रतिरोधी किस्मों के बीज से बढ़ सकती है 20 फीसद तक पैदावार
किसान उच्च गुणवत्ता व रोग प्रतिरोधी किस्मों के बीज से बढ़ सकती है 20 फीसद तक पैदावार

हिसार (वि.): चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में शुक्रवार को बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की अनुसंधान परियोजना समीक्षा व तकनीकि कार्यक्रम आयोजित हुआ। आनलाइन तरीके से आयोजित हुए इस कार्यक्रम में विज्ञानियों को कुलपति प्रो. बीआर कांबोज ने दिशा निर्देश दिए। कुलपति डा. कांबोज ने कहा कि अगर किसान अपने खेत में उच्च गुणवत्ता व रोग प्रतिरोधी किस्मों के बीजों को बोए तो उत्पादन में 20 फीसद तक बढ़ोतरी हो सकती है। इसलिए कृषि विज्ञानियों का यह नैतिक कर्तव्य बनता है कि वह किसानों को बेहतर व उन्नत किस्मों के बीज मुहैया करवाने में मदद करें। जब तक विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किस्मों का बीज किसानों तक उपलब्ध नहीं होगा तब तक उस किस्म को विकसित करने का कोई फायदा नहीं है और न ही किसानों की पैदावार में बढ़ोतरी होगी। एक पुरानी कहावत है कि जैसा बोओगे, वैसा काटोगे। इसलिए बीज का गुणवत्तायुक्त होना अधिक आवश्यक है क्योंकि उन्नत बीज के बिना इनका समुचित लाभ सम्भव नहीं है।

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उन्नत बीज बोने से बढ़ सकता है देश का उत्पादन

देश में अधिकतर किसान जागरूकता के अभाव में उन्नत किस्म के बीजों से वंचित हैं। यदि सभी किसानों को उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध हो जाए तो देश का उत्पादन 20 फीसद तक बढ़ सकता है क्योंकि उन्नत बीज, खाद-पानी आदि का समुचित उपयोग करके ही किसान अधिक पैदावार ले सकता है। हरियाणा प्रदेश के किसान इस मामले में खुशकिस्मत हैं कि उन्हें उच्च गुणवत्ता व उन्नत किस्मों के बीज लगातार समय पर मुहैया करवाए जा रहे हैं। हमारे देश में बीज उत्पादन व बिक्री व्यवसाय में अनेक देश-विदेश की सरकारी एवं गैर सरकारी बीज कम्पनियां व संस्थाएं कार्यरत हैं, मगर बावजूद इसके किसानों में जागरूकता का अभाव स्पष्ट दिखाई देता है, जिसके चलते वे अपनी फसलों से बेहतर उत्पादन हासिल करने में असमर्थ हैं। हालांकि खाद, पानी व अन्य सस्य क्रियाओं का भी अपना महत्व है, मगर बीज अच्छा नहीं होगा तो किसान इन साधनों का समुचित उपयोग नहीं कर सकेगा और पैदावार में घाटा रहेगा। बीज की गुणवत्ता कायम रखना जरूरी

अनुसंधान निदेशक डा. एसके सहरावत ने बताया कि बीज कृषि में प्रयोग किया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक है इसलिए गुणवत्ता युक्त बीजों की उपलब्धता बहुत ही जरूरी है। आधार व प्रमाणित बीज की गुणवत्ता प्रजनक बीज की अनुवांशिक शुद्धता पर ही निर्भर करता है। इसलिए इसकी गुणवत्ता को कायम रखने का हर संभव प्रयास करें।


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