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झज्‍जर में तीन अध्यादेशों के समर्थन में आए किसान, ट्रैक्‍टर ले अनाज मंडी पहुंचे

झज्‍जर में किसान उत्पादक संघ प्रगति शील किसान संगठन सहकारी किसान संगठन से जुड़े हुए विभिन्न गांवों के प्रतिनिधियों ने अलग अंदाज में ट्रैक्टर पर पहुंच अध्‍यादेशों का समर्थन दिया

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 02:02 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 02:02 PM (IST)
झज्‍जर में तीन अध्यादेशों के समर्थन में आए किसान, ट्रैक्‍टर ले अनाज मंडी पहुंचे
झज्‍जर में तीन अध्यादेशों के समर्थन में आए किसान, ट्रैक्‍टर ले अनाज मंडी पहुंचे

झज्जर, जेएनएन। केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए लाए गए तीनों अध्यादेशों के मामले में माहौल गरम होने लगा हैं। चार दिन पहले अनाज मंडी में जहां किसान संगठनों एवं आढ़तियों ने अध्यादेश को किसान विरोध करार देते हुए प्रशासन को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा था। वहीं झज्‍जर में शुक्रवार को किसान उत्पादक संघ, प्रगति शील किसान संगठन, सहकारी किसान संगठन से जुड़े हुए विभिन्न गांवों के प्रतिनिधियों ने अलग अंदाज में ट्रैक्टर पर पहुंचते हुए मंडी में अध्‍यादेशों का समर्थन करते हुए प्रदर्शन किया। फिर सभी एक-साथ यहां से लघु सचिवालय तक पहुंचें। जहां पर उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री को प्रेषित एक ज्ञापन सौंपते हुए अपनी ओर से आभार भी जताया।

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विभिन्न गांवों से जुड़े किसानों ने कहा कि किसानों की आर्थिक आजादी के लिए देश के बाजार खोलने की प्रक्रिया से खेती और किसान, दोनों को बढ़ावा मिलेगा। ऐसा होने से वह अपनी फसल को जहां भी चाहेंगे। वहां पर वह इसे आसानी से बेच पाएंगे। जबकि, अनुबंध खेती के नियम भी किसान के हित में बनाए गए हैं। साथ ही उन्हें पूरी तरह से सुरक्षित भी रखा गया है। जिसमें बाहरी कोई भी कंपनी किसानों के हितों के साथ कुठाराघात कतई नहीं कर सकती। इसी क्रम में आवश्यक वस्तु अधिनियम में किसान हित में दी गई संतुलित छूट भी काला बाजारी को रोकने में मददगार साबित होगी।

किसानों के आग्रह

- सभी ई-प्लेटफार्म सरकारी हो या सरकार अन्य। सरकार की कठोरतम निगरानी में रखे जाए। ताकि, किसानों के साथ किसी भी तरह धोखाधड़ी नहीं हो।

- किसान के अपने उत्पादों की बिक्री के अतिरिक्त अन्य किसानों से व्यापार करने वाले किसानों, किसान उत्पाद संघ, व्यापारियों पर कुछ गारंटी का दायित्व जरूर लाए।

- जहां पर भी खरीद-फरोख्त हो। वहां पर निगरानी रखी जाए।

- उप-मंडल अधिकारी के स्तर पर विवाद का निपटान उचित है। क्योंकि, अदालती पक्ष में समय जयादा लगता है।


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