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बारिश से किसानों की बल्ले-बल्ले, इस बार गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार होने की उम्मीद

जागरण संवाददाता हिसार बारिश ने इस बार किसानों की बल्ले-बल्ले कर दी है। इस बार मार्च माह

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 06:52 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 06:52 AM (IST)
बारिश से किसानों की बल्ले-बल्ले, इस बार गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार होने की उम्मीद

जागरण संवाददाता, हिसार :

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बारिश ने इस बार किसानों की बल्ले-बल्ले कर दी है। इस बार मार्च माह के अंत तक मौसम ठंडा रहा तो गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार हो सकती है। दरअसल चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के गेहूं अनुभाग में वरिष्ठ विज्ञानी डा. ओपी बिश्नोई का कहना है कि गेहूं की पछेती बिजाई करने वाले किसानों को काफी फायदा होने की उम्मीद है। क्योंकि यह बारिश गेहूं में अच्छे फुटाव लाने का काम करेगी। मार्च माह तक ठंडा रहा तो गेहूं का दाना मोटा और अच्छी गुणवत्ता का रहेगा। अप्रैल के पहले सप्ताह में अधिक गर्मी नहीं हुई तो गेहूं किसानों काफी फायदा देगी।

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बारिश का पानी गेहूं में देगा बढ़ोतरी

इसके साथ ही जिन किसानों ने दो से तीन बार गेहूं में ट्यूबवेल के जरिए पानी दे दिया है उन किसानों के लिए भी यह बारिश काफी लाभदायक है। क्योंकि ट्यूबवेल का पानी नमकयुक्त होता है, ऐसे में इस पानी में फसल विकसित तो होती हैं मगर अधिक प्रभावी नहीं होती।

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बिरानी फसलों के लिए अमृत के समान बारशि

बिरानी फसलें हमेशा से ही बारिश निर्भर रही हैं। यहां पर नहरी पानी से सिचाई की कोई व्यवस्था नहीं होती। ट्यूबवेल का पानी इस तरह के क्षेत्र में कम ही सिचाई के लायक मिलता है। ऐसे में बिरानी क्षेत्रों में बारिश की उम्मीद पर ही फसलें बोई जाती हैं। पहले जो बारिश हुई उसमें पहली बिजाई कर दी गई थी अब इन फसलों को बारिश की दरकार थी, नहीं तो यह फसलें पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाती। भिवानी में राजस्थान से सटा सिवानी, बालसमंद, चौधरीवास समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां बिरानी फसलें अधिक होती हैं।

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प्रदेश की राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं को लेकर बनी साख

- देशभर के केंद्रीय खाद्यान भंडारण हरियाणा प्रदेश का कुल भंडारण का 16 फीसद है। इसमें गेहूं 9.3 मिलियन टन और चावल 4.2 मिलियन टन शामिल हैं।

- प्रदेश गेहूं के प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता में देश में नंबर वन है।

- वर्ष 1966-67 में प्रदेश में गेहूं का उत्पादन मात्र 14.25 क्विटल प्रति हेक्टेयर था। जो वर्ष 2000-01 में 41.06 क्विटल प्रति हेक्टेयर और वर्ष 2019-20 में 46.87 क्विटल प्रति हेक्टेयर हो गया है।

- देश में औसतन गेहूं का उत्पादन 34.21 क्विटल प्रति हेक्टेयर आंका गया है जबकि प्रदेश में गेहूं का औसतन उत्पादन 46.87 क्विटल प्रति हेक्टेयर है।


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