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सिरसा में परंपरागत खेती छोड़कर लगाई स्ट्राॅबेरी, बदल गई किसान की किस्‍मत, कमा रहा लाखों

सिरसा जिले के गांव नाथूसरी कलां के किसान महेंद्र सिंह पिछले 20 सालों से स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। जिससे किसान की किस्मत बदल गई। किसान महेंद्र सिंह द्वारा तैयारी की गई स्‍ट्राबेरी हरियाणा पंजाब व राजस्थान के शहरों में बिकती है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 03:52 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 03:52 PM (IST)
किसान महेंद्र सिंह ने स्‍ट्रॉबेरी की खेती से खुद तो मुनाफा कमाया ही साथ ही और को भी रोजगार दिया

सिरसा [महेंद्र सिंह मेहरा] आमतौर पर किसान परंपरागत खेती ही करते रहते हैं। नए सिरे से बागबानी करने या सब्जियों की खेती करने के रिस्‍क से डरते रहते हैं। मगर कुछ किसान ऐसे हैं जो अब परंपरागत खेती का मोह छोड़कर दूसरे विकल्‍प ढूंढ रहे हैं। ऐसे ही एक किसान हरियाणा के सिरसा जिले में भी हैं। गांव नाथूसरी कलां के किसान महेंद्र सिंह ने आमदनी बढ़ाने के लिए स्ट्रॉबेरी लगाने का कार्य शुरू किया। पिछले 20 सालों में जहां स्ट्रॉबेरी ने पहचान बना दी है। इसी के साथ किसान की किस्मत भी बदल दी है। किसान महेंद्र सिंह द्वारा तैयारी की गई स्टॉबेरी हरियाणा, पंजाब व राजस्थान के शहरों में बिकती है। वे इससे लाखों रुपये कमा रहे हैं।

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ऐसे की स्ट्रॉबेरी लगाने की शुरुआत  

किसान महेंद्र सिंह ने पड़ोसी किसान गोपीराम को देखकर वर्ष 2000 में स्ट्रॉबेरी लगाने का कार्य शुरू किया। पड़ोसी किसान ने बाद में स्ट्रॉबेरी लगाने में कोई दिलचस्पी नहीं ली। मगर उनसे प्रेरणा लेकर गांव नाथूसरी कलां के प्रगतिशील महेंद्र सिंह ने एक एकड़ में स्ट्रॉबेरी लगाने का कार्य किया। वर्ष 2004 में स्ट्रॉबेरी लगाने में महारत हासिल कर ली। जिस पर तीन एकड़ में स्ट्राबेरी लगाने लगा। अब 5 एकड़ में स्ट्राबेरी लगाने का कार्य कर रहा है। स्ट्राबेरी से प्रति एकड़ करीब 7 लाख रुपये की आमदनी ले रहा है।

दूसरों को भी मिल रहा है रोजगार

किसान महेंद्र सिंह कई साल से प्रतिवर्ष 5 एकड़ भूमि पर स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहा है। जिसके लिए 15  लोगों को स्ट्रॉबेरी तोड़ने व अन्य कार्य के लिए रखा हुआ है। स्ट्रॉबेरी की अपने स्तर पर ही पैकिग की जाती है। इसके बाद स्ट्रॉबेरी को पंजाब, हरियाणा व राजस्थान के शहरों में बेचने के लिए भेजते हैं।

पौधे से मिलता है एक किलो फल

किसान महेंद्र सिंह ने बताया कि स्ट्रॉबरी की पौध हिमाचल से लेकर आते हैं। इसके बाद सितंबर माह में पौध लगाते हैं। स्ट्रॉबेरी के एक पौधे से 1 किलो फल मिलता है। किसान महेंद्र ने बताया कि 1 किलो स्ट्रॉबेरी की  300 रुपये किलो के भाव तक आराम से बेच सकते हैं।  स्ट्रॉबेरी का उपयोग मिल्कशेक, पिज्जा विभिन्न प्रकार के जूस में किया जाता है। स्ट्रॉबेरी का उपयोग अधिक होने के कारण जिले में इसकी मांग भी अधिक है।


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