हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर किसान संगठनों ने लगाया जाम
विभिन्न किसान संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे 52 पर सरसोद गांव में बिजली घर के सामने जाम लगा दिया।
संवाद सहयोगी, बरवाला : विभिन्न किसान संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे 52 पर सरसोद गांव में बिजली घर के सामने जाम लगा दिया। किसानों ने सुबह दस से शाम पांच बजे तक प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन को भ्याण खाप, जाट आरक्षण संघर्ष समिति, किसान संघर्ष समिति, भारतीय किसान यूनियन आदि ने भी समर्थन दिया। इस दौरान एसडीएम बरवाला राजेश कुमार, डीएसपी रोहताश सिहाग पुलिस बल के साथ मौके पर तैनात रहे।
प्रशासन ने बरवाला में अग्रोहा रोड तथा हिसार की ओर से आने वाले ट्रैफिक को बहबलपुर गांव के भीतर से डायवर्ट कर दिया। इस अवसर पर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के जिला प्रधान बलवान सुंडा, जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष अजीत लितानी, रणधीर बामल, रामनिवास बिसला, नरेंद्र घनघस, कलीराम बिठमड़ा आदि मौजूद रहे।
कृषि कानूनों का विरोध
संस, सिवानीमंडी : अखिल भारतीय किसान सभा ने कृषि कानूनों को लागू करने के विरोध में ईशरवाल रोड पर जाम लगा दिया। पूर्व जिला पार्षद बलवान बागडी, प्रधान कर्ण सिंह जैनावास व मास्टर रधबर भेरा आदि ने इन कानूनों का रद करने की मांग की।
किसान सभा के राज्य सचिव दयानंद पूनिया ने कहा कि केंद्र सरकार जो काले कानून लेकर आई है, उससे किसान, व्यापारी व मजदूर तबाह हो जाएगा। किसान पहले ही कर्ज के तले दबा हुआ है। मास्टर शेर सिंह ने कहा कि जब तक यह कानून वापस नही होंगे, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि किसान सभा ने 9 नवंबर को करनाल में मुख्यमंत्री आवास के घेराव का फैसला किया है।
इस मौके पर सिवानी तहसील के प्रधान रामकिशन भाकर, सुकरम जागलान, महाबीर, ईश्वर सरपंच, प्रताप ओमप्रकाश, दलबीर, बहल तहसील के प्रधान सूबेदार धनपत सिंह, सतबीर ओबरा, रामबीर आदि मौजूद रहे।