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चार दिन से टंकी पर चढ़े किसानों से बात करने पहुंचे डीसी और एसपी, अब सीएम से बात करेगी कमेटी

कारण वर्ष 2017 की खरीफ फसल का बीमा क्लेम लेने की मांग है। जिसे लेकर किसानों द्वारा दिया जा गांव रूपावास के जलघर में दिया जा रहा धरना चौथे दिन में पहुंच गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 03:33 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 05:39 PM (IST)
चार दिन से टंकी पर चढ़े किसानों से बात करने पहुंचे डीसी और एसपी, अब सीएम से बात करेगी कमेटी
चार दिन से टंकी पर चढ़े किसानों से बात करने पहुंचे डीसी और एसपी, अब सीएम से बात करेगी कमेटी

जेएनएन, सिरसा : सिरसा जिले के एक गांव में पिछले चार दिनों से जलघर की टंकी पर चढ़े किसानों से बातचीत करने के लिए गुरुवार को डीसी और एसपी पहुंचे। करीब तीन घंटे तक हुई बातचीत के बाद भी मामला नहीं सुलझा मगर किसानों की कमेटी द्वारा सीएम से बात करने की मांग को मान लिया गया। इसके तुरंत बाद किसान बातचीत करने के लिए गाड़ी में रवाना हुए। वहीं बाकी किसानों ने अभी भी टंकी को अपना घर बना रखा है। वर्ष 2017 की खरीफ फसल का बीमा क्लेम लेने की मांग को लेकर किसानों द्वारा दिया जा गांव रूपावास के जलघर में दिया जा रहा धरना जारी है।

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बता दें कि सोमवार को जलघर की करीब 73 फुट ऊंची टंकी पर चढ़े किसान गुरुवार को भी नीचे नहीं उतरे थे तो प्रशासनिक अधिकारी मिलने पहुंचे। प्रशासन किसानों के इस कदम से सकते में हैं और अधिकारियों के पसीने छूट गए हैं। किसानों ने टंकी पर ही डेरा जमा लिया है और कई दिनों का राशन पानी भी अपने पास जमा कर लिया है। ऐसे में अगर किसानों की मांग नहीं मानी गई तो हालात और ज्यादा बिगड़ सकते हैं। वहीं इससे पहले मंगलवार को टंकी पर चढ़े पांच किसानों को मनाने के लिए रात भर प्रशासनिक अधिकारी मान मनोवल में जुटे रहे थे मगर बात नहीं बनी थी। टंकी पर चढ़े अखिल भारतीय स्वामीनाथन संघर्ष समिति के अध्यक्ष विकल पचार ने कहा है कि इतने घंटे बीत जाने के बाद भी सरकार सिरसा व भिवानी के किसानों के 390 करोड़ रुपये का बीमा क्लेम देने के लिए राजी नहीं हुई है। सरकार को एक दिन का समय दिया गया था, अगर सरकार ने बीमा क्लेम राशि खातों में जमा नहीं करवाई तो सिरसा के छह ब्लॉकों में किसानों द्वारा जलघरों की टंकियों पर धरना दिया जाएगा। इसके साथ ही एक जलघर पर सिर्फ महिला शक्ति धरना देगी और महिलाएं बच्चों के साथ टंकी पर चढ़ेंगी। अगर कुछ अनहोनी होती है तो उसकी जिम्मेवारी हरियाणा और केंद्र सरकार की होगी। गांव रूपावास के जलघर जहां टंकी पर पांच किसान चढ़े हुए हैं वहीं नीचे विभिन्न गांवों के सौ के करीब किसान धरने पर बैठे हैं। रात को किसान धरनास्थल पर ही रहे। रात को किसानों से बातचीत करने के लिए भाजपा नेता पवन बैनीवाल भी पहुंचे। उन्होंने टंकी पर चढ़े किसानों को भरोसा दिलाया कि वे इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात करेंगें। इससे पहले डीडीपीओ प्रीतपाल, डीआरओ नौरंगदास, कृषि उपनिदेशक डा. बाबू लाल, तहसीलदार छैलूराम किसानो को मनाने की कवायद में जुटे रहे। मगर इस आश्वासन को असली रूप गुरुवार को ही दिया जा सका । जिले की सभी टंकियों पर जड़े ताले, दरवाजे नहीं है तो अधिकारियों को दरवाजे लगाने के निर्देश

विभागीय अधिकारियों को अब टंकी पर ¨जदगी खतरे में नजर आने लगी है। विभाग ने चेताया है कि टंकी की ग्रिल के साथ छह से अधिक व्यक्ति चढ़े तो ग्रिल के साथ स्लेब टूट सकती है। इस संबंध में जनस्वास्थ्य विभाग ने उपायुक्त कार्यालय को पत्र भेज दिया है। पत्र में रूपावास आंदोलन का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि टंकी के ऊपर स्लैब और ग्रिल कमजोर होती है। यदि छह से अधिक व्यक्ति चढ़े तो टूट सकती है। टंकियों पर जड़े ताले, जारी हुए आदेश

रूपावास में किसानों के टंकी पर चढ़ने के बाद जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने फील्ड स्टॉफ को निर्देश दिए हैं कि टंकियों पर ताले जड़ दें और किसी को उसकी चाबी न दें, ताकि कोई व्यक्ति टंकी पर न चढ़ पाएं। जिले में 126 टंकियां बनी हुई है, इन स्थानों पर तैनात कर्मचारियों को साफ कहा गया है कि आदेशों की कोताही न हो। साथ ही जिन स्थानों पर टंकियों के प्रवेश द्वार पर दरवाजे नहीं है, उन पर तुरंत दरवाजे लगाने को कहा गया है।


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