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बहादुरगढ़ में आंदोलन में आए पंजाब के किसान की गला रेतकर हत्या, फैली सनसनी

वीरवार की शाम को पुलिस को सूचना मिली थी कि बाईपास से करीब आधा किलोमीटर अंदर खेतों में लहूलुहान हालत में शव पड़ा है। इस पर शहर थाना सेक्टर-9 चौकी और सीआइए की टीमें मौके पर पहुंचीं। डीएसपी पवन कुमार भी तत्काल पहुंचे।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Thu, 25 Mar 2021 10:19 PM (IST)Updated: Thu, 25 Mar 2021 10:19 PM (IST)
बहादुरगढ़ में आंदोलन में आए पंजाब के किसान की गला रेतकर हत्या, फैली सनसनी
बहादुरगढ़ बाईपास पर धरनास्थल से आधा किलोमीटर दूर खेत में किसान का शव मिलने से सनसनी फैल गई।

बहादुरगढ़, जेएनएन। बहादुरगढ़ के बाईपास पर किसानों के धरनास्थल से आधा किलोमीटर दूर खेत में किसान का खून से लथपथ शव मिला। उसके पास से मिले आधार कार्ड से पहचान की गई। वह पंजाब के बठिंडा का रहने वाला था और किसान था। उसकी हत्या गला रेतकर की गई है। आंदोलन स्थल के पास शव मिलने से सनसनी फैल गई।

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वीरवार देर शाम रोडवेज की निर्माणाधीन वर्कशॉप के पीछे लहूलुहान हालत में शव मिला। मृतक के पास से आधार कार्ड मिल गया। लेकिन कोई परिचित और परिवारजन देर रात तक नहीं मिला। हत्या किसने और क्यों की, यह अभी रहस्य बना हुआ है। शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम होगा। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। अंदेशा है कि हत्या दिन में की गई है। दरअसल, वीरवार की शाम को पुलिस को सूचना मिली थी कि बाईपास से करीब आधा किलोमीटर अंदर खेतों में लहूलुहान हालत में शव पड़ा है। इस पर शहर थाना, सेक्टर-9 चौकी और सीआइए की टीमें मौके पर पहुंचीं। डीएसपी पवन कुमार भी तत्काल पहुंचे। रात आठ बजे के बाद एफएसएल टीम मौके पर पहुंच पाई। उसके बाद शव को सिविल अस्पताल भेजा गया।

30 फीट दूर खाली गिलास और कुछ पाउच मिलेे

जहां पर शव मिला, उससे करीब 30 फीट दूर खाली गिलास और कुछ पाउच मिलेे। पुलिस ने संभावना जताई है कि पहले मृतक को शराब पिलाई गई होगी और फिर उसकी हत्या की गई। गर्दन पर बायीं तरफ तेजधार हथियार से वार किया गया है। आधी गर्दन कटी हुई थी। पुलिस ने कपड़ों की तलाशी तो आधार कार्ड मिला। उसके आधार पर पुलिस ने बताया कि मृतक का नाम हुकुम सिंह पुत्र छोटा सिंह निवासी बलौह, बठिंडा, पंजाब है। पुष्टि के लिए अभी कोई परिचित सामने नहीं आया।

मृतक की नहीं हो सकी शिनाख्त

आंदोलन स्थल से पंजाब के कई किसान बुलाए गए, मगर उन्होंने भी मृतक की शिनाख्त में अनभिज्ञता जताई। ऐसे में हत्या किसने और क्यों की, यह तो बाद की बात है अभी तो यह भी मालूम नहीं हुआ कि मृतक किसान आंदोलन में कब आया था, कहां पर ठहरा था, उसके परिचित कौन हैं। मगर एक बात तो पुलिस तय मान रही है कि हत्या में किसी नजदीकी का ही हाथ है।

परिवार के लोगों से पूछताछ में खुलेगा रहस्य

थाना शहर बहादुरगढ़ के एसएचओ विजय कुमार ने बताया कि मृतक की स्पष्ट पहचान और हत्याराेपितों का पता लगाने में पुलिस जुटी हुई है। परिवार के लोगों से ही पूछताछ में यह साफ होगा कि वह कब आंदोलन में आया था। उसके बाद ही बाकी सवालों का जवाब मिलेगा।

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