टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में सक्रिय रहे छारा गांव के किसान की रोहतक पीजीआइ में मौत
मृतक किसान बिजेंद्र दलाल छारा गांव में धोली चौपाल मुहल्ला का रहने वाला था। बताया जा रहा है कि बीमार हाेने के बाद बिजेंद्र को रोहतक पीजीआइ में दाखिल करवाया गया था। कई दिनों से वेंटीलेटर पर था। बिजेंद्र दलाल पहले दिन से आंदोलन के बीच था।
बहादुरगढ़, जेएनएन। कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में सक्रिय रहे छारा गांव के किसान की रोहतक पीजीआइ में मौत हो गई। वह टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन के बीच लगातार सक्रिय था। मृतक किसान बिजेंद्र दलाल छारा गांव में धोली चौपाल मुहल्ला का रहने वाला था। बताया जा रहा है कि बीमार हाेने के बाद बिजेंद्र को रोहतक पीजीआइ में दाखिल करवाया गया था। कई दिनों से वेंटीलेटर पर था। किसान नेता प्रवीण दलाल ने बताया कि बिजेंद्र दलाल पहले दिन से आंदोलन के बीच किसानों की सेवा में था।
यहीं पर बीमार हाेने के बाद रोहतक पीजीआइ ले जाया गया था। बता दें कि 26 जनवरी के बाद से आंदोलन के बीच मौत का सिलसिला तेज हो गया है। तीन दिन के अंदर अलग-अलग कारणों से पांच मौत हुई हैं। जबकि एक पखवाड़े के अंदर 11 से ज्यादा मौत अकेले टीकरी बॉर्डर से जुड़े आंदोलन में हो चुकी हैं। हरियाणा के किसान नेता विकास सीसर ने कहा कि किसानों की मौत हमारे लिए बड़ी क्षति है, मगर इससे हम कमजोर नहीं पड़ेंगे।
रह-रहकर बढ़ रही ठंड से आ रही परेशानी
आंदोलन के बीच ठंड बढ़ने और बारिश से भी परेशानी आती रही है। अब रह-रहकर ठंड बढ़ रही है। मंगलवार को एक बार फिर कोहरा छाने से ठंड बढ़ गई। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आगामी दिनों में बारिश भी हो सकती है। ऐसे में ठंड भी लंबी खिचेंगी। इधर, मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव से आंदोलनकारियों की व्यवस्था बार-बार बिगड़ रही है। हर बार बारिश के बाद उन्हें तंबू संभालने पड़ते हैं।