Move to Jagran APP

किसान आंदोलन की ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री पर मार, 20 फीसद घटा उत्पादन, रोजगार के भी लाले

बहादुरगढ़ के एमआइई पार्ट ए व बी के साथ-साथ रोहद इंडस्ट्रियल एरिया में ऑटो मोबाइल सेक्टर की 100 से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं। यहां की इंडस्ट्री में ब्रेक पैड व लाइट बनाए जाते हैं। मारुति व अन्य कार निर्माता कंपनियों के लिए कई तरह के स्पेयर पार्ट्स बनाए जाते हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2021 10:50 AM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2021 10:50 AM (IST)
किसान आंदोलन की ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री पर मार, 20 फीसद घटा उत्पादन, रोजगार के भी लाले
किसान आंदोलन के चलते दिल्ली के बॉर्डर बंद हैं, जिसके चलते कच्चा माल नहीं मिल रहा है।

हिसार/बहादुरगढ़, जेएनएन। तीन कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर 70 से ज्यादा दिनों से चल रहे किसान आंदोलन की मार बहादुरगढ़ की तमाम इंडस्ट्री पर पड़ी है। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री भी इससे अछूती नहीं रही है। बहादुरगढ़ के रोहद इंडस्ट्रियल एरिया में ऑटो मोबाइल सेक्टर की इंडस्ट्री हैं। कुछ एक फैक्ट्रियां बहादुरगढ़ के आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र (एमआइई) पार्ट ए व बी में भी हैं।

loksabha election banner

एमआइई में बनी ऑटो मोबाइल की फैक्ट्रियों में काफी प्रभाव है। इसके अलावा रोहद में चल रही फैक्ट्रियों में करीब 20 फीसद उत्पादन कम हुआ है। यहां पर रोजगार के भी लाले हो गए हैं। वर्करों को काम नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी का भी संकट आ खड़ा हुआ है। ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री में यहां पर लाइट, ब्रेक कंपोनेंट, साइकिल पार्ट्स , एग्जॉस्ट, गाडिय़ों के विभिन्न स्पेयर पार्ट्स आदि यहां पर बनाए जाते हैं।

मारूति कंपनी व अन्य कार निर्माता कंपनियों के लिए स्पेयर पार्ट भी यहां पर बनाए जाते हैं। अमूमन कंपनियां ब्रेक पैड व लाइट बनाती हैं। यहां पर स्पेयर पाट्र्स बनाने की भी बड़ी-बड़ी कंपनियां हैं। ऐसे में ऑटो मोबाइल सेक्टर में भी टीकरी व झाड़ौदा बॉर्डर बंद होने का काफी असर हुआ है। दिल्ली से तैयार व कच्चा माल न मिलने की वजह से उत्पादन में कमी आई है। इससे मालिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। 

किराये में 20 फीसद की हुई बढ़ोतरी: मनोज सिंघल

रोहद में ब्रेक पैड बनाने वाली फैक्ट्री के मालिक मनोज सिंघल बताते हैं कि दिल्ली से माल व लेबर का आवागमन कम हो रहा है। समय पर तैयार व कच्चा माल नहीं आ जा पा रहा है। साथ ही किराये में भी करीब 20 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। इससे फैक्ट्री मालिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

20 फीसद उत्पादन में आई गिरावट: विकास

रोहद व एमआइई में ब्रेक पैड बनाने वाली फैक्ट्री के मालिक विकास लाटियान ने बताया कि उनकी फैक्ट्रियों में करीब 20 फीसद उत्पादन कम हो गया है। दिल्ली से आने वाली लेबर समय पर नहीं आ पाती है। ना ही दिल्ली से कच्चा माल समय पर आ  पाता है। 20 फीसद अतिरिक्त किराया देने के बाद ही माल का आवागमन हो रहा है। 

समय पर नहीं मिल रहे श्रमिक, रोजगार हुआ कम:

फूड प्रोडक्ट बनाने की मशीनें बनाने वाली फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल ने बताया कि लेबर व माल समय पर ना मिलने की वजह से करीब 15 से 20 फीसद उत्पादन कम हो गया है। इस उत्पादन को भी बरकरार रखने के लिए रॉ मैटीरियल दिल्ली से मंगवाने का खर्च बढ़ गया है। इससे फैक्ट्री मालिकों को नुकसान ही हो रहा है। सरकार से मांग करता हूं कि यह आंदोलन जल्द से जल्द खत्म करवाया जाए।

यह भी पढ़ें: पंजाब के कांट्रैक्‍ट खेती कानून में किसान को भी सजा का प्रविधान, भाजपा का शिअद व कांग्रेस पर सवाल

यह भी पढ़ें: Farmers Chakka Jaam in Punjab: आज सफर से बचें, किसान पंजाब में 70 से ज्यादा स्थानों पर करेंगे हाईवे जाम

यह भी पढ़ें: Contract farming: हरियाणा में कॉन्ट्रैक्‍ट खेती से किसान हो रहे मालामाल, स्‍पैक ने कराया 700 करोड़ रुपये का अनुबंध

हरियाणा की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.