26 जनवरी जैसी घटना होने की आशंका में रद किया संसद मार्च, किसान नेता जोगेंद्र उगराहा ने बहादुरगढ़ में किया खुलासा
जोगेंद्र सिंह उगराहा ने कहा कि कुछ लोग सरकार के इशारे पर संसद मार्च में गत 26 जनवरी को हुई घटना को दोहराना चाह रहे थे। इनकी मंशा आंदोलन को खत्म करने की है। ये लोग सरकार के इशारे पर किसानों के संघर्ष में टकराव पैदा करना चाह रहे हैं।
बहादुरगढ़, जेएनएन। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से मई माह के प्रथम सप्ताह में होने वाले संसद मार्च को रद करने के कारणों का खुलासा भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के प्रदेशाध्यक्ष जोगेंद्र सिंह उगराहा ने बहादुरगढ़ में किया है। यहां चल रहे आंदोलन के दौरान जोगेंद्र सिंह उगराहा ने कहा कि कुछ लोग सरकार के इशारे पर संसद मार्च में गत 26 जनवरी को हुई घटना को दोहराना चाह रहे थे। इनकी मंशा आंदोलन को खत्म करने की है। ये लोग सरकार के इशारे पर किसानों के संघर्ष में टकराव का माहौल पैदा करना चाह रहे हैं। मगर हम ऐसा कुछ नहीं होने देंगे।
संसद मार्च को पिछले सिंघु बॉर्डर पर हुई बैठक के बारे में जानकारी देते हुए जोगेंद्र सिंह ने कहा कि मैंने संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में ही कह दिया था कि अगर संसद मार्च करना है तो पहले यह जिम्मेदारी लेनी होगी कि मार्च के दौरान 26 जनवरी जैसी घटना नहीं होगी। इस पर कोई भी जत्थेबंदी यह जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हुई। इसी के चलते मैंने स्पष्ट कह दिया कि भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा संसद मार्च के पक्ष में नहीं है। ऐेसे में कुछ जत्थेबंदी खुसर-पुसर करती रही।
मगर बाद में संसद मार्च के दौरान टकराव होने की संभावना के चलते इसे रद कर दिया गया। जोगेंद्र सिंह उगराहा ने बहादुरगढ़ में एक और खुलासा किया है कि आंदोलन में शामिल कुछ जत्थेबंदी दोगले किरादार की भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने किसी जत्थेबंदी का नाम तो नहीं लिया मगर स्पष्ट किया कि अगर आंदोलन को तेज करते हुए लंबा चलाना है तो किसानों को ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है।
जोगेंद्र सिंह उगराहा ने संसद मार्च की तारीख तय कराने की मांग करने वाले युवाओं को भी नसीहत दी कि उपद्रव से आंदोलन लंबा नहीं चलेगा। हमें शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करके सरकार से अपनी मांग मनवानी हैं। ऐसे में जो 26 जनवरी को हुआ वो सब गलत था और आगे भी हमारी जत्थेबंदी इस तरह की किसी भी हरकत के पक्ष में नहीं है।