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Farmer Initiative: फतेहाबाद के किसान ने अमेरिका से मंगवाया रंगबिरंगी मक्की का बीज, पीली से अधिक स्वादिष्ट, देखें

किसान रवि पूनिया एमए राजनीतिक विज्ञान से एमए करने के साथ अपने पिता सुभाष चंद्र खेती का कार्य कर है। रवि ने बताया कि अपने खेत में उन्होंने अमरीका से मक्की के बीज मंगवाकर लगाए। मक्की लग गई। शुरूआत में मामूली बीमारी आई। उसे ठीक कर लिया।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 11:48 AM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 12:09 PM (IST)
Farmer Initiative: फतेहाबाद के किसान ने अमेरिका से मंगवाया रंगबिरंगी मक्की का बीज, पीली से अधिक स्वादिष्ट, देखें
धान की खेती कम करके मक्की की खेती को बढ़ावा देंगे।

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद।फतेहाबाद के गांव भूथनखुर्द का किसान रवि पूनिया ने अपने खेत में रंग बिरंगी मक्की की कास्त की है। उनके खेत में रंग बिरंगी मक्की की फसल देखने के लिए दूर-दराज के किसान आ रहे हैं। ये मक्की परंपरागत मक्की से अधिक मिठास भरी स्वादिष्ट है। गत दिनों बागवानी विभाग के अधिकारियों ने भी गांव भूथनखुर्द के किसान के खेत का दौरा किया। मक्की के बारे में जानकारी ली।

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धान की खेती कम करके मक्की की खेती को बढ़ावा देंगे

किसान रवि पूनिया एमए राजनीतिक विज्ञान से एमए करने के साथ अपने पिता सुभाष चंद्र खेती का कार्य कर है। रवि ने बताया कि अपने खेत में उन्होंने अमरीका से मक्की के बीज मंगवाकर लगाए। मक्की लग गई। शुरूआत में मामूली बीमारी आई। उसे ठीक कर लिया। इसके बाद रंग बिरंगी मक्की लगी। शुरूआत में एक कनाल में खेती की। आगामी वर्ष दो एकड़ में खेती करेंगे।

मक्की की खेती कम पानी की जरूरत 

किसान रवि ने बताया कि मक्की की खेती में कम पानी की जरूरत है। बेशक उन्होंने बीज अमरीका से अपने चचेरे भाई से मंगवाए थे। लेकिन इसकी बीजाई उन्होंने जुलाई महीने के मध्यम में की थी। पानी की जरूरत बहुत कम हुई। ऐसे में अब वह धान की खेती कम करके मक्की की खेती शुरू करेगा। इसके लिए खुद का बीज भी तैयार हो गया। मार्केट मिल गई तो धान से कई गुणा अधिक आय इस खेती में हो सकती है। इसका बना हुआ भूटा परंपरागत पीली मक्की से अधिक मिठास भरा स्वादिष्ट है।

किसान बागवानी करके बढ़ाए आय : श्योराण

मेरा किसानों से आग्रह है परंपरागत खेती को कम करके बागवानी करना शुरू करें। इससे फायदा मिलेगा। बागवानी करने पर सरकार हर प्रकार की मदद कर रही है। इसके लिए टैंक बनाने के अलावा पौधे व बीज पर अनुदान दे रही है। ऐसे में किसान किसी भी कार्य दिवस पर बागवानी विभाग में संपर्क करते हुए योजनाओं का लाभ उठाए।


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