Move to Jagran APP

फर्जी RC घोटाला : गिरफ्तारी से पहले ही टाइपिस्ट ने ड्रेन में फेंक दिए थे दो लैपटॉप, चोरी की फॉरच्‍यूनर बरामद

लग्जरी गाडिय़ों की फर्जी तरीके से आरसी तैयार कराने का मामला। महम एसडीएम कार्यालय के बाहर बैठने वाले टाइपिस्ट का रिमांड पूरा

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 10:59 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 10:59 AM (IST)
फर्जी RC घोटाला : गिरफ्तारी से पहले ही टाइपिस्ट ने ड्रेन में फेंक दिए थे दो लैपटॉप, चोरी की फॉरच्‍यूनर बरामद
फर्जी RC घोटाला : गिरफ्तारी से पहले ही टाइपिस्ट ने ड्रेन में फेंक दिए थे दो लैपटॉप, चोरी की फॉरच्‍यूनर बरामद

रोहतक [विनीत तोमर] चोरी की लग्जरी गाडिय़ों की फर्जी तरीके से आरसी तैयार कराने के मामले में एसटीएफ को ठोस सुबूत हाथ लगा है। टाइपिस्ट रमेश बामल से पूछताछ के बाद एसटीएफ ने सोमवार को खरखड़ा गांव के पास ड्रेन से दो लैपटॉप बरामद किए हैं। इनमें एक लैपटॉप टूटा हुआ है। इन लैपटॉप में चोरी की लग्जरी गाडिय़ों का पूरा रिकार्ड रखा जाता था, जिसे आरोपित टाइपिस्ट ने गिरफ्तारी से पहले ही ड्रेन में फेंक दिया था। इन लैपटॉप को बरामद करने के लिए एसटीएफ ने कई घंटे तक सर्च अभियान चलाया जाएगा।

loksabha election banner

दरअसल, चरखी दादरी से आरोपित प्रवीण और महम एसडीएम कार्यालय के क्लर्क अनिल और दो अन्य कर्मचारियों की गिरफ्तारी के बाद टाइपिस्ट सैमाण गांव निवासी रमेश बामल को भी डर लगने लगा था। इसीलिए उसने गिरफ्तारी से कई दिन पहले ही सुबूत मिटाने के लिए इन दोनों लैपटॉप को ड्रेन में जाकर फेंक दिया था। एसटीएफ-एसआइटी के अनुसार इन लैपटॉप को जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा। जिसके बाद इनका पूरा रिकार्ड निकलवा कर मिलान किया जाएगा।

आरोपित रमेश बामल के निशानदेही पर एक लाख रुपये और उसकी फॉरच्यूनर गाड़ी भी बरामद कर ली है। जिसे वह खुद ही इस्तेमाल करता था। आरोपित के रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद एसटीएफ ने महम कोर्ट में पेश कर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। गौरतलब है कि मुख्य आरोपित महम निवासी अमित और सीसरखास निवासी रमेश ने चंडीगढ़ में सरेंडर कर दिया था। जिन्हें 3 जुलाई को एसटीएफ रिमांड पर लेगी।

फॉरच्यूनर लेकर आता था एसडीएम कार्यालय के बाहर टाइप करने

लग्जरी गाडिय़ों के इस खेल में एसडीएम कार्यालय के बाहर बैठने वाले टाइपिस्ट रमेश बामल के भी पूरे ठाठ थे। कुछ समय पहले तक वह एक सामान्य ङ्क्षजदगी जीता था, लेकिन लग्जरी गाडिय़ों के इस खेल में शामिल होने के बाद वह पूरे एशो-आराम में था। करीब एक साल पहले उसने चोरी की फॉरच्यूनर गाड़ी खरीदी थी। जो खुद अपने नाम पर कराई थी। आरोपित इसी गाड़ी को लेकर महम एसडीएम कार्यालय के बाहर टाइप करने के लिए आता था। एक टाइपिस्ट को लग्जरी गाड़ी में देखकर हर कोई हैरान रहता था, लेकिन उन्हें क्या पता कि यह फॉरच्यूनर मेहनत की कमाई की नहीं, बल्कि फर्जीवाड़े से ली गई है।

रोहतक जिले से तीन साल में चोरी हुई गाडिय़ों का रिकार्ड खंगालेगी एसटीएफ

आरोपित रमेश बामल से पूछताछ के बाद इतना तो स्पष्ट हो गया कि लग्जरी गाडिय़ों का यह खेल 2017 से 2019 तक चला। फिलहाल कई माह से लॉकडाउन की वजह से यह खेल बंद था। ऐसे में अब एसटीएफ इन तीन साल की अवधि में रोहतक जिले से चोरी हुई गाडिय़ों का रिकार्ड भी संबंधित थानों से खंगालेगी। इसमें देखा जाएगा कि गाड़ी कब चोरी हुई और कहां से हुई। बरामद हुई है या फिर नहीं। एसटीएफ का मानना है कि चोरी की गाडिय़ों के रिकार्ड से भी बड़े मामले का पर्दाफाश हो सकता है।

पहले ही विवादों में रहा आरटीए कार्यालय

लग्जरी गाडिय़ों के इस खेल में रोहतक आरटीए कार्यालय का नाम भी सामने आ रहा है, जिसमें पता चला है कि कर्मचारियों की इसमें मिलीभगत रहती थी। ऐसे में अब आरटीए कार्यालय भी एसटीएफ के रडार पर है। हालांकि अभी मामले में एसटीएफ खुलकर सामने नहीं आ रही है। लेकिन आरटीए कार्यालय के पुराने रिकार्ड को देखें तो वह काफी विवादों भरा रहा है। पिछले साल ओवरलोड वाहनों से अवैध वसूली का प्रकरण भी काफी सुर्खियों में रहा था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.