फर्जी RC घोटाला : पुरानी गाड़ी खरीद चेसिस और इंजन को चोरी की लग्जरी गाडि़यों में करते थे इस्तेमाल
चोरी की लग्जरी गाडिय़ों की फर्जी तरीके से आरसी बनाने का मामला। कटवाई गई गाड़ी का चेसिस और इंजन नंबर करते थे चोरी की गाड़ी पर इस्तेमाल
रोहतक, जेएनएन। रोहतक में चोरी की लग्जरी गाडिय़ों की फर्जी तरीके से आरसी बनाने के मामले की परतें धीरे धीरे करके खुलती जा रही हैं। अब इस मामले में एसटीएफ को अहम जानकारी मिली है। गिरोह अलग-अलग कंपनियों से भी पुरानी गाडिय़ां सस्ते दामों पर खरीदता था, जिसके बाद उन्हें कबाड़ी में कटवा दिया जाता। गाड़ी के चेसिस और इंजन नंबर को चोरी की गई लग्जरी गाड़ी पर इस्तेमाल कर उसकी दोबारा से आरसी बनवा दी जाती। इससे आरोपितों को यह फायदा होता था कि चोरी की गाड़ी को एक नंबर की बताकर अच्छे दामों पर बेचा जाता था।
एसआइटी का मानना है कि जांच के बाद और भी बड़ा पर्दाफाश हो सकता है। ऐसे में अब एसआइटी इन कंपनियों से भी पुरानी गाडिय़ों का रिकार्ड लेगी, जिन्होंने 2017 से 2019 के बीच में अपनी पुरानी गाड़ी ग्राहकों को बेची है। वह गाड़ी किसे बेची गई, उसका भी पूरा रिकार्ड कंपनी से लिया जाएगा। जिसके बाद मामले में और भी आरोपित लपेटे में आ सकते हैं।
गौरतलब है कि गुरुग्राम एसटीएफ एसआइटी ने 3 जून को चरखी दादरी निवासी प्रवीण को स्कार्पियो गाड़ी समेत गिरफ्तार किया था। उस गाड़ी की महम एसडीएम कार्यालय में फर्जी तरीके से आरसी तैयार कराई थी। जिसके बाद एसआइटी ने एसडीएम कार्यालय के क्लर्क अनिल समेत तीन कर्मचारी और कार्यालय के बाहर बैठने वाले टाइपिस्ट रमेश बामल को गिरफ्तार किया था। एसआइटी अभी तक 22 गाडिय़ों को बरामद कर चुकी है।
गिरोह का सरगना अमित और रमेश उगलेंगे पूरा राज
गिरोह के सरगना महम निवासी अमित और उसके दूसरे साथी रमेश ने 5 जून को चंडीगढ़ में 17 लग्जरी गाडिय़ों समेत सरेंडर कर दिया था। एसटीएफ एसआइटी ने प्रोडक्शन वारंट लगाया है, जिसके बाद आरोपितों को 3 जुलाई को रिमांड पर लिया जाएगा। पूछताछ में काफी जानकारी मिलेगी। तब जाकर और भी गाडिय़ों के बरामद होने की संभावना है।