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रेड और ऑरेंज जोन में आने वाली फैक्ट्रियों को देना होगा शपथ पत्र, नियमों की करनी होगी पालना

15 अक्टूबर से लगे ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान(ग्रेप) के नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए बोर्ड ने रेड व ऑरेंज जोन की फैक्ट्रियों से शपथ पत्र मांगे हैं। इस तरह की फैक्ट्रियों को शपथ पत्र में यह लिख देना होगा कि वे ग्रेप के नियमों का पालन करेंगे

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 09:48 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 10:58 AM (IST)
रेड और ऑरेंज जोन में आने वाली फैक्ट्रियों को देना होगा शपथ पत्र, नियमों की करनी होगी पालना
दिल्‍ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्‍त कदम उठा रहा है

बहादुरगढ़, जेएनएन। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्त हो गया है। 15 अक्टूबर से लगे ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान(ग्रेप) के नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए बोर्ड ने यहां की रेड व ऑरेंज जोन की फैक्ट्रियों से शपथ पत्र मांगे हैं। इस तरह की फैक्ट्रियों को शपथ पत्र में यह लिखकर देना होगा कि वे ग्रेप के नियमों का पालन  करेंगे। प्रदूषण नहीं फैलाएंगे।

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बोर्ड की ओर से प्रमाणित इंधन का प्रयोग करेंगे। प्रदूषण फैलाने वाले कारकों का किसी भी सूरत में प्रयोग नहीं किया जाएगा। अगर उनकी ओर से इन नियमों की उल्लंघना की जाए तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए। यह शपथ मिलने के बाद बोर्ड के अधिकारी इन फैक्ट्रियों की समय-समय पर जांच भी करेंगे। अगर शपथ पत्र देने के बाद भी कहीं कोई फैक्ट्री की ओर से नियमों की अवहेलना की जा रही है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बोर्ड के आदेश पर यहां की करीब 200 फैक्ट्रियों की ओर से शपथ पत्र दिए जा चुके हैं। कोरोना संक्रमण के कारण यह शपथ पत्र फैक्ट्रियों को बोर्ड की मेल पर ऑनलाइन ही भेजना है। उधर, शहर में प्रदूषण फैलाने वाली अन्य इकाइयों पर भी बोर्ड की ओर से लगातार नजर रखी जा रही है। नियमों की पालना न करने वालों को बोर्ड की ओर से निशाने पर लिया जा रहा है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

शहर में बढ़ता जा रहा है प्रदूषण का स्तर, वातावरण में छा रहा स्मोग:

दिल्ली के नजदीक होने और औद्योगिक शहर होने के कारण यहां पर प्रदूषण का स्तर बढ़ता रहा है। दो दिन से प्रदूषण में बेतहाशा वृद्धि हुई है। वातावरण में स्मोग छा रहा है। यह सब ओपन बर्निंग व सड़कों पर उड़ती धूल के कारण हुआ है, मगर नगर परिषद की ओर से इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। प्रदूषण बोर्ड ने तीन दिन पहले सर्वे किया था तो 70 जगह सड़क किनारे कूड़ा पड़ा मिला था। यह कूड़ा भी प्रदूषण बढ़ाने का मुख्य कारण है। ऐसे में अब प्रदूषण बोर्ड को सख्ती से काम लेना होगा। वीरवार को यहां पीएम 2.5 का स्तर 303 माइक्रोग्राम था तो शुक्रवार सुबह तक पीएम 2.5 का स्तर 336 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया।

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'' जो फैक्ट्रियां रेड व ऑरेंज जोन में आती हैं, उनसे अंडरटेकिंग ली जा रही है कि वे प्रदूषण नहीं फैलाएंगे। अब तक करीब 200 फैक्ट्री संचालकों ने ये शपथ पत्र दिए हैं। फिलहाल प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। ऐसे में प्रदूषण फैलाने वाले कारकों का प्रयोग कम हो, इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रेप अवधि में नियमों की अनदेखी कर प्रदूषण फैलाते हुए पाया जाएगा तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

                                                        - संदीप सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बहादुरगढ़।


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