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हिसार में अग्रोहा की कोविड लैब के स्टाफ की बढ़ी एक्सटेंशन, लोगों को जल्द मिलेगी सैंपलिंग का रिजल्ट

माइक्रोबायोलोजी लैब प्रभारी डा. हरेंद्र सिंह ने बताया कि अब हर सैंपल पाजिटिव मिल रहा है तो एक-एक सैंपल को गहनता से जांच करना पड़ता है। इसका कारण है कि पाजिटिविटी रेट भी बढ़ गया है। वरना पहले चार से पांच सैंपल एक में मिलाकर टेस्ट कर रहे थे।

By Naveen DalalEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 03:27 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 03:27 PM (IST)
हिसार में अग्रोहा की कोविड लैब के स्टाफ की बढ़ी एक्सटेंशन, लोगों को जल्द मिलेगी सैंपलिंग का रिजल्ट
लैब के 11 स्टाफ की एक्सटेंशन रूकी हुई थी, जिससे लैब में सैंपल जांच का काम हुआ प्रभावित।

हिसार, कुलदीप जांगड़ा। हिसार में महाराजा अग्रसेन मेडिकल कालेज अग्रोहा में बनी कोविड-19 लैब में कार्यरत स्टाफ की एक्सटेंशन बढ़ गई है। इस बारे में वीरवार को आदेश आए है। इससे अब लैब में सैंपलिंग जांच की क्षमता भी बढ़ाई जा सकेगी। जानकारी के अनुसार लैब के 11 स्टाफ की एक्सटेंशन रूकी हुई थी। इनमें रिसर्च साइंटिस्ट व सहायक साइंटिस्ट शामिल है। ऐसे में लैब में सैंपल जांच का काम प्रभावित हो रहा था।

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जल्द मिलेगी कोरोना जांच की रिपोर्ट

माइक्रोबायोलोजी लैब प्रभारी डा. हरेंद्र सिंह ने बताया कि अब हर सैंपल पाजिटिव मिल रहा है तो एक-एक सैंपल को गहनता से जांच करना पड़ता है। इसका कारण है कि पाजिटिविटी रेट भी बढ़ गया है। वरना पहले चार से पांच सैंपल एक में मिलाकर टेस्ट कर रहे थे। अगर कोई पाजिटिव मिलता था तो उनको अलग-अलग करके टेस्ट कर रहे थे। अब यहीं प्रक्रिया अपनाएं तो सभी सैंपल को दोबारा से टेस्ट करना पड़ता। इसलिए यह कदम उठाया है। एक बार प्लेट में 96 सैंपल टेस्ट के लिए लगाए जाते है और करीब 3 से चार घंटे में रिपोर्ट मिलती है।

हिसार व जींद से आ रहे सैंपल

अब माइक्रोबायोलाजी लैब में हिसार व जींद जिले से कोविड सैंपल जांच के लिए आ रहे है। ऐसे में सैंपलिंग का दबाव अधिक नहीं है। मगर केस जैसे बढ़ रहे है तो दबाव बढ़ सकता है।

रोहतक में भेज रहे जीनोम सिकविंसिंग टेस्ट के लिए

अब रोहतक जिले में एमडीयू में भी जीनोम सिकविंसिंग टेस्ट की सुविधा शुरू हो गई है। पहले सभी सैंपल दिल्ली जाते थे। यह लैब इस माह में शुरू की है, क्योंकि दिल्ली लैब में सैंपल का दबाव बढ़ जाता था। हिसार व जींद से आए कुल सैंपल में छंटनी कर 15 सैंपल जीनोम टेस्ट के लिए भेजते है।

15 से 25 के बीच अधिक मिल रही सीटी वैल्यू

डा. हरेंद्र ने बताया कि लैब में सैंपल जांच में अधिकतर सैंपल की सीटी वैल्यू 15 से 25 के बीच ज्यादा मिल रही है। 37 से ऊपर सीटी वैल्यू होती है तो वह निगेटिव माना जाता है। इससे कम सीटी वैल्यू मिलने पर पाजिटिव। जितनी सीटी वैल्यू कम मिलती है उस मरीज में उतना ही वायरल लोड अधिक है यानी कि उस संक्रमण का असर अधिक है।

अंग्रोहा मेडिकल के निदेशक के अनुसार

मोइक्रोबायोलोजी लैब के स्टाफ की एक्सटेंशन बढ़ गई है। कुल 11 स्टाफ था, जिनकी एक्सटेंशन रूकी हुई थी। अब लैब में सैंपलिंग की क्षमता बढ़ेगी।

-----डा. अलका छाबड़ा, निदेशक, मेडिकल कालेज, अग्रोहा।


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