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85 दिनों में डी-प्लान के 216 कार्यों में 12 करोड़ रुपये खपाना प्रशासन के लिए बना सिरदर्द

जागरण संवाददाता हिसार डी-प्लान हर साल की तरह इस बार भी प्रशासन के लिए नया सिरदर्द बना

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 06:54 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 06:54 AM (IST)
85 दिनों में डी-प्लान के 216 कार्यों में 12 करोड़ रुपये खपाना प्रशासन के लिए बना सिरदर्द
85 दिनों में डी-प्लान के 216 कार्यों में 12 करोड़ रुपये खपाना प्रशासन के लिए बना सिरदर्द

जागरण संवाददाता, हिसार :

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डी-प्लान हर साल की तरह इस बार भी प्रशासन के लिए नया सिरदर्द बना हुआ है। इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने हिसार के विकास कार्यों के लिए 25.94 करोड़ रुपये जारी किए, जिसमें से 13.90 करोड़ रुपये अभी तक खर्च हो चुके हैं। इस धनराशि से 689 विकास कार्य पूरे भी कराए जा चुके हैं। मगर 12.04 करोड़ रुपये अभी भी जिला प्रशासन के खाते में पड़े हुए हैं। इस धनराशि से 216 विकास कार्यों को कराया जाना है, जिसमें से 113 कार्य प्रगति पर हैं। अब प्रशासन के लिए चुनौती यह है कि 85 दिनों में यह धनराशि पूरी खर्च कर ली तो ठीक अगर नहीं कर सके तो धनराशि लैप्स होकर सरकार के खाते में वापस कर दी जाएगी। इन्हीं कार्यों में तेजी आए इसके लिए आनन-फानन में मंगलवार को लघु सचिवालय में जिला विकास एवं निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसमें बिजली एवं जेल मंत्री चौ. रणजीत सिंह ने अध्यक्षता करते ही विकास कार्यों को प्रशासनिक स्वीकृति के लिए बढ़ाया। इस अवसर पर बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग, मेयर गौतम सरदाना, उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी, एडीसी अनीश यादव, एसडीएम हिसार अश्वीर नैन भी उपस्थित रहे।

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बिजली मंत्री की मौजूदगी में गुपचुप तरीके से निपटी बैठक

यह बैठक इतनी गुप्त थी कि बिजली मंत्री से हिसार आने से लेकर बैठक तक की सूचना को गुप्त रखा गया। सिर्फ यह नहीं बल्कि बैठक के साथ ही बिजली मंत्री लोकनिर्माण विभाग के विश्राम गृह पर भी पहुंचे तो यहां भी भारी पुलिस बल तैनात किया हुआ था। बिजली मंत्री कब और कब चले गए इसकी किसी को कानों-कान खबर तक नहीं लगी। पूर्व में किसान व अन्य संगठन जगह-जगह माननीयों का विरोध कर हैं, इसको लेकर बैठक को बिना सूचना फैलाए ही पूरा करा लिया गया।

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काम में तेजी लाने के दिए निर्देश

बैठक में बिजली मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला में लंबित विकास कार्यों को तीव्र गति से पूरा कराएं ताकि चालू वित्त वर्ष का लैप्स ना हो। उन्होंने गो-आश्रय तथा चारे इत्यादि की व्यवस्था के लिए अपने स्वैच्छिक कोष से पांच लाख रुपये देने की भी घोषणा की।

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यह है डी-प्लान का रिपोर्ट कार्ड

जिला विकास एवं निगरानी समिति की पिछली बैठक 14 अगस्त 2019 को आयोजित की गई थी। इसमें वर्ष 2019-20 के कार्य योजना को स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिला योजना 2019-20 में हरियाणा सरकार से 25.94 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई थी। इसमें से वर्ष 2018-19 के कार्यों की प्रगति व बकाया विकास कार्यों की राशि के साथ-साथ वर्ष 2019-20 में अनुसूचित वर्ग में 4.59 करोड़ रुपये के नए विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई थी। वर्ष 2019-20 के बजट में से कुल 13.90 करोड़ रुपये खर्च किये गए। वर्ष 2018-19 व 2019-20 में 905 विकास कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई थी, जिनमें से 689 विकास कार्य पूर्ण हो चुके हैं और 113 कार्य प्रगति पर हैं। बैठक के दौरान वर्ष 2020-21 के लिए कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई।


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