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सिविल अस्पताल में फिर शुरू हुई काला पीलिया की जांच, कूपन के लिए लगी भीड़

गौरतलब है कि सिविल अस्पताल में हेपेटाइटिस-सी यानि काला पीलिया के टेस्ट व दवाओं के लिए फ्री सरकारी कूपन पिछले ढाई महीने से टेंडर न होने के कारण नहीं मिल पा रहे थे।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 05:45 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 05:45 PM (IST)
सिविल अस्पताल में फिर शुरू हुई काला पीलिया की जांच, कूपन के लिए लगी भीड़
सिविल अस्पताल में फिर शुरू हुई काला पीलिया की जांच, कूपन के लिए लगी भीड़

हिसार, जेएनएन। हिसार सिविल अस्पताल में काला पीलिया के कूपन की सुविधा दोबारा शुरू हो चुकी है। इससे पहले यहां इसका इलाज रुका हुआ था। वार्ड नंबर 11 की गैलरी में कूपन लेने के लिए मरीजों की भीड़ लग गई। करीब 125 मरीजों को इस दौरान कूपन बांटे गए। भीड़ अधिक होने के कारण कई मरीजों को सुबह से लेकर दोपहर तक कूपन के लिए इंतजार करना पड़ा।

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गौरतलब है कि सिविल अस्पताल में हेपेटाइटिस-सी यानि काला पीलिया के टेस्ट व दवाओं के लिए फ्री सरकारी कूपन पिछले ढाई महीने से टेंडर न होने के कारण नहीं मिल पा रहे थे। सरकार की ओर से प्रदेश में काला पीलिया का इलाज सिविल अस्पतालों में पिछले दो सालों से फ्री करवाया जाता है।

पहले लाल पैथ लैब से अनुबंध टेस्ट कर काला पीलिया का टेस्ट करवाया जाता था। वहीं अब कोर डाग्नोस्टिक कंपनी से टेस्ट करवाने के लिए अनुबंध किया गया है। इस टेस्ट की कीमत निजी लैब में 2500 हजार रुपये के करीब होती है। लेकिन सरकार की ओर से चलाई जा रही योजना के तहत काला पीलिया के टेस्ट व इलाज के लिए कूपन दिए जाते हैं, जिससे मरीज टेस्ट व दवा फ्री ले सकते हैं। 

एक हजार मरीजों में से 80 फीसद का हो चुका है इलाज

वहीं सिविल अस्पताल में अब तक एक हजार के करीब काला पीलिया के मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ है, जिनमें से 80 फीसद मरीजों को इलाज किया जा चुका है। काला पीलिया लीवर को खराब करने वाली बीमारी है, जैसे शराब से लीवर खराब होने की बात सामने आती है, वैसे ही काला पीलिया लीवर खराब कर देता है। इसमें तीन महीने व 6 महीने तक अलग-अलग लक्षण मिलने पर दवा दी जाती है। जिसके अल्ट्रासाउंड में लीवर खराब आ जाए उसकी दवाइयों में लीवर की अतिरिक्त दवाइयां जोड़ी जाती हैं। हेपेटाइटिस के दो प्रकार हैं जिनमें से हेपेटाइटिस सी के लिए सरकार ने योजना बनाई हुई है। वहीं हेपेटाइटिस बी के लिए भी सरकार की ओर से फ्री इलाज की योजना आने की संभावना है। गौरतलब है काला पीलिया पता सात से दस सालों बाद चल पाता है। इससे खून की उल्टी, पेट में पानी, मल में खून आदि लक्षण सामने आते हंै।

----सिविल अस्पताल में काला पीलिया का इलाज पिछले ढाई महीने से नहीं हो पा रहा था। पूरे प्रदेश में मरीज इलाज के लिए चक्कर काट रहे थे। कूपन आने के बार मंगलवार को मरीजों को कूपन दिए गए हैं।

डा. अजय, फिजिशियन और मेडिसिन इंचार्ज, सिविल अस्पताल।


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