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BJP Protest In Rohtak: किलोई प्राचीन शिव मंदिर में हुई घटना के विरोध में भाजपाई सड़क पर उतरें, हुड्डा का फूंका पुतला

भाजपा के युवा मोर्चा अनुसूचित जाति मोर्चा पिछड़ा वर्ग मोर्चा महिला मोर्चा व अन्य पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ता शनिवार को पार्टी मुख्यालय के बाहर एकत्रित हुए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुतले की शव-यात्रा लेकर छोटूराम चौक के लिए रवाना हुए।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sat, 06 Nov 2021 02:57 PM (IST)Updated: Sat, 06 Nov 2021 02:57 PM (IST)
BJP Protest In Rohtak: किलोई प्राचीन शिव मंदिर में हुई घटना के विरोध में भाजपाई सड़क पर उतरें, हुड्डा का फूंका पुतला
रोहतक में बीजेपी नेताओं ने किया प्रदर्शन।

जागरण संवाददाता, रोहतक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ धाम से लाइव कार्यक्रम के दौरान किलोई के प्राचीन शिव मंदिर में भाजपा नेताओं के बंधक बनाने की घटना के विरोध में भाजपा कार्यर्ताओं ने नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पुतला फूंका। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के इशारे पर किलोई में हंगामा किया गया था। रोहतक से सांसद डा. अरविंद शर्मा, पूर्व मंत्री एवं भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष ग्रोवर, जिल प्रभारी अरविंद यादव व जिला अध्यक्ष अजय बंसल ने कांग्रेस नेताआों पर जमकर बरसें और ओच्छी राजनीति करने के आरोप लगाए।

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भाजपा के युवा मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा, पिछड़ा वर्ग मोर्चा, महिला मोर्चा व अन्य पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ता शनिवार को पार्टी मुख्यालय के बाहर एकत्रित हुए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुतले की शव-यात्रा लेकर छोटूराम चौक के लिए रवाना हुए। कार्यकर्ताओं ने हुड्डा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पर्दे के पीछे रहकर ओच्छी राजनीति करने के आरोप लगाए। सांसद डा. अरविंद शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी ने केदारनाथ धाम में करोड़ों की परियोजनाओं का उद्धाटन और शिलान्यास किया। जिसका देशभर में लाइव किया।

समाज के लोगों ने किलोई मंदिर में इस कार्यक्रम का लाइव करने की मांग की तो पार्टी की तरफ से यह कार्यक्रम निर्धारित किया। चूंकि यह धार्मिक कार्यक्रम था, इसलिए समाज के सभी लोग इसमें शामिल हुए। लेकिन पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आसपास के लोगों को उकसाकर इस कार्यक्रम में बाधा डालने की रणनीति बनाई, जिसके कारण किलोई में हंगामा हुआ। कई घंटे तक महिलाएं, बुजुर्ग व नेताओं को कानून-व्यवस्था के चलते मंदिर में ही रहना पड़ा, जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि धार्मिक कार्यक्रमों का विरोध निंदनीय है। किसान इस तरह की घटना नहीं कर सकते। चूंकि ये कांग्रेस कार्यकर्ता थे, जो भूपेंद्र हुड्डा के कहने पर वहां गए थे। इस मामले में भूपेंद्र हुड्डा की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है।


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