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फौज से रिटायर होने के बाद भी पौधों के प्रति बहादुरगढ़ निवासी मेजर सुधीर राठी का लगाव कायम

मेजर सुधीर राठी ने बताया कि प्रकृति ने हमें हवा और पानी के रूप में अनमोल उपहार दे रखे हैं। ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि हम भी अधिक से अधिक पौधे लगाकर प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करें। पौधों की देखभाल से हमें सकारात्मक ऊर्जा भी मिलती है

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 04:48 PM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 04:48 PM (IST)
फौज से रिटायर होने के बाद भी पौधों के प्रति बहादुरगढ़ निवासी मेजर सुधीर राठी का लगाव कायम
बहादुरगढ़ के सेवानिवृत मेजर राठी हर रोज एक घंटा पौधों की देखभाल करते हैं

बहादुरगढ़, जेएनएन। कोरोना लॉकडाउन में ऑक्सीजन की कमी खूब झेली गई। इस ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए लोगों का झुकाव पौधारोपण की तरफ करने के लिए कई लोग जुटे हुए हैं। गांव सांखोल के सेवानिवृत मेजर सुधीर राठी भी इन्हीं में से एक हैं। पौधारोपण के प्रति मेजर सुधीर राठी का खुद का लगाव तो है ही, साथ में वे ग्रामीणों को भी पौधारोपण के प्रति समय-समय पर जागरूक करते रहते हैं। शहर के बीचोंबीच स्थित गांव सांखोल के मेजर सुधीर राठी का कहना है कि जब वे फौज में थे, तब भी अपने जवानों के साथ पौधारोपण का अभियान चलाते रहते थे। फौज से रिटायर होने के बाद भी पौधों के प्रति उनका लगाव कायम रहा। वे हर रोज सुबह कम से कम एक घंटा पौधों की देखभाल करते हैं।

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साथ ही ग्रामीणों को भी पौधारोपण के प्रति जागरूक करते रहते हैं। मेजर सुधीर राठी ने बताया कि प्रकृति ने हमें हवा और पानी के रूप में अनमोल उपहार दे रखे हैं। ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि हम भी अधिक से अधिक पौधे लगाकर प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करें। मेजर सुधीर ने बताया कि पौधों की देखभाल से हमें एक सकारात्मक ऊर्जा भी मिलती है और हमारे दृष्टिकोण में काफी बदलाव आता है। वे मानते हैं कि हमारी युवा पीढ़ी को खासकर पौधारोपण के कार्य जरूर करने चाहिए। आज जब कोरोना महामारी में ऑक्सीजन को लेकर कमी चल रही है। ऐसे में हमें प्रकृति के इस संदेश को समझना चाहिए कि वह हमसे क्या चाहती है।

प्रकृति को उसकी आज्ञा का पालन करते हुए ही जीता जा सकता है। हमारी समझदारी इसी में है कि हम उसके संदेशों को समझें। मेजर सुधीर ने बताया कि उनके पौधारोपण के इस कार्य में उनके भाई जितेंद्र राठी और परिवार के अन्य सदस्य भी बखूबी साथ देते हैं। उन्होंने बताया कि इस मानसून में वे अपने गांव के खेल मैदान में भी टीम के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर पौधे लगाएंगे। इसके लिए ग्रामीणों और युवाओं को भी जागरूक किया जा रहा है।

उन्होंने अपने घर के आंगन में भी खूब पौधे लगा रखे हैं। पूरा आंगन हरियाली से भरा हुआ है। इनमें मनी प्लांट, केला, पाम, बेंबू, मीठा नीम, अमरूद, यूरोकारीय आख्टा, तुलसी, शहतूत, जामुन, फाइकस, अशोका, स्नेक प्लांट आदि लगाए हुए हैं। कई पौधे औषधीय हैं तो कुछ ऑक्सीजन ज्यादा मात्रा में देते हैं। कुछ फलदार पौधे भी हैं।


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