इंजीनियरिंग के छात्र ने बनाई कमाल की डिवाइस, ट्रांसफर स्टूल से हर काम खुद कर सकेेंगे दिव्यांग
रोहतक के इंजीनियरिंग छात्र ने दिव्यागों के लिए कमाल की डिवाइस बनाई है। इस ट्रांसफर स्टूल से दिव्यांग खुद सारे कार्य कर सकेंगे।
रोहतक, [केएस मोबिन]। रोजमर्रा के कार्यों में अब दिव्यांगों को दूसरों पर आश्रित नहीं होना पड़ेगा। दिव्यांगों की पीड़ा को कम करने के लिए जनता कालोनी निवासी इंजीनियरिंग के विद्यार्थी अमन सिंघल ने एक डिवाइस बनाई है। इसके इस्तेमाल से दिव्यांग व्यक्ति बिना किसी की मदद से अपने कार्य खुद कर पाएंगे। दिव्यांगों के लिए दिव्य अंग की तरह कार्य करने वाली इस डिवाइस का नाम है 'ट्रांसफर स्टूल'। 20 वर्षीय अमन ने साथी के साथ मिलकर इसे तैयार किया है।
सशक्त बनेंगे दिव्यांग, शिफ्टिंग डिवाइस से बिना किसी की मदद से सकेंगे कार्य
कर्नाटक स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आइआइटी), धारवाड़ में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में बीटेक थर्ड ईयर के विद्यार्थी अमन ने बताया कि डिवाइस को उन जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। ट्रांसफर स्टूल, कन्वेंशनल व्हीलचेयर के साथ अटैच होकर दिव्यांग को तन की मजबूत प्रदान करेगा है। मात्र तीन से चार हजार रुपये में डिवाइस पूरी तरह से तैयार हो जाती है।
रोहतक के इंजीनियरिंग विद्यार्थी 20 वर्षीय अमन सिंघल ने बनाया ट्रांसफर स्टूल
गत वर्ष जून-जुलाई में आइआइटी गांधीनगर में हुए कार्यक्रम में अमन ने डिवाइस के प्रोटोटाइप को प्रजेंट किया था। ज्यूरी मेंबर की ओर से डिजाइन और आइडिया को सराहे जाने पर आइटीआइ धारवाड़ ने इंस्टीट्यूशनल लेवल पर डिवाइस का टेंपरेरी पेटेंट भी कराया था।
360 डिग्री पर घूम सकती है स्टूल की सीट, हाइट की जा सकती एडजस्ट
चार पहियों वाले ट्रांसफर स्टूल की खासियत सीट का 360 डिग्री पर घूमना है। यूजर को पूरी डिवाइस के बजाय सिर्फ सीट को घूमाना होगा। हाइट एडजस्ट करने के लिए क्रैंक सिस्टम है। बेडशीट, कुर्सी, कार सीट, वर्किंग टेबल या अन्य किसी हाइट पर आसानी से स्टूल एडजस्ट हो जाएगा।
इंजीनियरिंग के विद्यार्थी अमन सिंघल।
इंडीविजुअल लेवल पर पेटेंट की तैयारी
अमन ने बताया कि वह इंडीविजुअल लेवल पर डिवाइस के पेेटेंट कराने की प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं। उन्होंने डिवाइस में कई प्रकार के सुधार किए हैं। प्राइमरी स्टेज पर अहमदाबाद के एक अस्पताल में एक दिव्यांग पेशेंट को ट्रांसफर स्टूल इस्तेमाल के लिए दिया गया था, जिसके परिणाम सकारात्मक आए थे। अमन ने प्राइमरी एजुकेशन पिता अनुराग सिंघल व माता बबीता सिंघल के प्लेवे स्कूल में प्राप्त की। 12वीं की पढ़ाई शहर के पठानिया स्कूल से की।