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Ellenabad by Poll: किस्मत के धनी अभय चौटाला, नहीं हारे कभी विधानसभा चुनाव, पंच पद से शुरू हुआ राजनीति सफर

अभय सिंह चौटाला हरियाणा में कभी विधानसभा चुनाव नहीं हारे हैं। राजनीतिक सफर पंच से शुरू करने वाले अभय उप सरपंच भी बने। वहीं जिला परिषद के चेयरमैन भी रहे। बता दें कि राजनीतिक सफर वर्ष 2000 में रोड़ी विधानसभा में उप चुनाव से शुरू हुआ।

By Naveen DalalEdited By: Published: Mon, 04 Oct 2021 06:40 AM (IST)Updated: Mon, 04 Oct 2021 07:42 AM (IST)
Ellenabad by Poll: किस्मत के धनी अभय चौटाला, नहीं हारे कभी विधानसभा चुनाव, पंच पद से शुरू हुआ राजनीति सफर
पंच से राजनीतिक सफर करने वाले अभय चौटाला ने निभाई नेता प्रतिपक्ष की भूमिका।

सिरसा, जागरण संवाददाता। सिरसा में ऐलनाबाद उप चुनाव में इनेलो की ओर से उम्मीदवार घोषित अभय सिंह चौटाला हरियाणा में कभी विधानसभा चुनाव नहीं हारे हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधि बनने की पहली सीढ़ी से चुनाव शुरू किया जो चौटाला गांव के पंच का रहा। इसके बाद उप सरपंच भी बने। वे जिला परिषद के चेयरमैन भी रहे। राजनीतिक सफर वर्ष 2000 में रोड़ी विधानसभा में उप चुनाव से शुरू हुआ और इसके बाद उनका विधानसभा क्षेत्र 2009 से ऐलनाबाद शुरू हो गया।

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किसान आंदोलन को लेकर दिया था विधायक पद से इस्तीफा

रोड़ी उप चुनाव का उल्लेख करें तो वर्ष 2000 में पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने नरवाना व रोड़ी से चुनाव लड़ा। दोनों ही जगह से जीत गए। इसके बाद उन्होंने रोड़ी से त्यागपत्र दे दिया और यहां से अभय सिंह चौटाला को उम्मीदवार बनाया गया और रिकार्ड मतों से जीते। इसके बाद 2009 में वे ऐलनाबाद में आ गए। यहां उन्होंने उप चुनाव में कांग्रेस के राज में विपक्ष में होते हुए जीत दर्ज करवाई। 2014 व 2019 में भी वह यहां से विधायक बनें। जिसके बाद उन्होंने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ जनवरी 2021 में इस्तीफा दे दिया और अब उप चुनाव में फिर किस्मत आजमा रहे हैं।

ऐलनाबाद में तीसरी बार होगा उपचुनाव

हरियाणा बनने के बाद ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र का तीसरा उप चुनाव 30 अक्टूबर को होगा। इससे पहले 1970 व 2010 में उप चुनाव हो चुका है। तीन बेल्ट में बंट रहे ऐलनाबाद हलका पूरी तरह राजस्थान के बार्डर से सटा हुआ है। उप चुनाव का उल्लेख करें तो पहले उप चुनाव 1970 में विशाल हरियाणा पार्टी से जीते लालचंद खोड का चुनाव न्यायालय में खारिज होने के बाद हुआ था। लालचंद खोड 12 मई 1968 को ओमप्रकाश चौटाला को हराकर 5331 मतों से जीते थे जिसे बाद में चुनौती दी गई थी। इस हलके से पहले विधायक 1967 में कांग्रेस की टिकट पर प्रताप सिंह चौटाला जीते और लालचंद खोड आजाद प्रत्याशी चुनाव हार गए थे।


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