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डिफाल्‍टरों से बचने का नया उपाय, बिजली उपभोक्ताओं को दो औसत बिलों के बराबर जमा रखनी होगी राशि

बिजली उपभोक्ताओं के छह बिलों के औसत के आधार पर एसीडी तय की गई है। अगर उपभोक्ता की एडीसी औसत बिजली बिल से कम है तो दो बिलों में चार्ज लगाकर वसूली की जाएगी। अगर एसीडी अधिक है तो बिजली बिल में वह राशि कटौती कर राहत दी जाएगी।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 11:59 AM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 11:59 AM (IST)
डिफाल्‍टरों से बचने का नया उपाय, बिजली उपभोक्ताओं को दो औसत बिलों के बराबर जमा रखनी होगी राशि
बिजली कनेक्‍शन कटने पर बिल की भरपाई की जा सके इसके लिए बिजली विभाग ने नया कदम उठाया है

हिसार, जेएनएन। बिजली निगम ने अग्रिम सुरक्षा राशि (एसीडी) रखना अनिवार्य किया हुआ है। औसत बिलों के आधार पर एसीडी तय की गई है। डिफाल्टरों से बचने के लिए हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) के निर्देशानुसार सभी सक्रिय बिजली उपभोक्ताओं को वित्तीय वर्ष में दो औसत बिलिंग चक्र के बराबर अग्रिम सुरक्षा राशि (एसीडी) रखना अनिवार्य है।

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बिजली उपभोक्ताओं के छह बिलों के औसत के आधार पर एसीडी तय की गई है। अगर उपभोक्ता की एडीसी औसत बिजली बिल से कम है तो उपभोक्ता के दो बिलों में चार्ज लगाकर वसूली की जाएगी। अगर एसीडी अधिक है तो उपभोक्ता को बिजली बिल में वह राशि कटौती कर राहत दी जाएगी। उदाहरण के लिए अगर किसी उपभोक्ता का 2000 हजार रुपये हर माह बिल आता है। तो बिजली निगम 4000 रुपये की एसीडी खातों में जमा रखता है ताकि डिफाल्टर होने पर दो वह राशि सिक्योरिटी अमाउंट में से काटी जा सके।

दरअसल, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. बलकार सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा बिजली उपभोक्ताओं की अग्रिम खपत जमा की समीक्षा स्थगित कर दी गई थी, जिसे हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) के निर्देशों के अनुसार 24 मार्च, 2021 से प्रभावी बनाया गया है और एचईआरसी के मानदंड़ो को ध्यान में रखते हुए समीक्षा राशि को उपभोक्ता के खाते में दो किस्तों में चार्ज किया जाएगा या वापस किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा उपभोक्ताओं को एसएमएस के माध्यम से भी इस सूचना से अवगत करवाया जा रहा है।

इस संबंध में हाल ही में यह देखा गया है कि कुछ उपभोक्ताओं को स्पॉट बिल और ऑनलाइन उपलब्ध बिल में दिखाई गई अलग-अलग राशि के कारण अपने ऊर्जा बिलों का भुगतान करने में कठिनाई का सामना पड़ा है। यह इस तथ्य के कारण हुआ कि ऐसे उपभोक्ताओं की बिलिंग प्रक्रिया 24 मार्च, 2021 से पहले आइटी प्रणाली में चल रही थी यानि एसीडी समीक्षा प्रक्रिया शुरू होने से पहले। 

प्रबन्ध निदेशक ने बताया कि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम अपने उपभोक्ताओं को आश्र्वस्त करता है कि 24 मार्च, 2021 के बाद शुरू किए गए सभी बिलिंग बाइंडरों में ऐसी कोई बिलिंग विसंगति नहीं होगी। उपभोक्ताओं से भी निवेदन है कि अपने बिजली बिलों का समय पर भुगतान करके दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का सहयोग करें। इस सम्बन्ध में अधिकतम जानकारी के लिए उपभोक्ता अपने निकटमत बिजली कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं।


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