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हरियाणा में कहीं औसत आधार पर भेजे जा रहे बिजली बिल, कहीं जोड़ा जा रहा एरियर, उपभोक्ता परेशान

उपभोक्ताओं के सामने नई परेशानी खड़ी हो गई है। निगम की ओर से भेजे गए इस माह के बिलों को देखकर उपभोक्ता हैरान हो रहे हैं। कहीं तो मीटर रीडिंग की बजाय औसत आधार पर बिल दिए गए हैं तो कहीं पर एरियर भी जोड़कर बिल दिया जा रहा है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 05:35 PM (IST)Updated: Wed, 17 Nov 2021 05:35 PM (IST)
हरियाणा में कहीं औसत आधार पर भेजे जा रहे बिजली बिल, कहीं जोड़ा जा रहा एरियर, उपभोक्ता परेशान
बिजली निगम की ओर से इस माह में भेजे जा रहे बिलों को देखकर उपभोक्ता हुए परेशान

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : बिजली बिलों को लेकर इन दिनों उपभोक्ताओं के सामने नई परेशानी खड़ी हो गई है। निगम की ओर से भेजे गए इस माह के बिलों को देखकर उपभोक्ता हैरान हो रहे हैं। कहीं पर तो मीटर रीडिंग की बजाय औसत आधार पर बिल दिए गए हैं तो कहीं पर एरियर भी जोड़कर बिल दिया जा रहा है। यह समस्या काफी उपभोक्ताओं की है। ऐसे में उपभोक्ता बिलों को ठीक करवाने के लिए बिजली निगम के चक्कर लगा रहे हैं।

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वैसे तो आम तौर पर बिजली बिलों को लेकर कोई न कोई समस्या खड़ी हो जाती है। इन दिनों समस्या ज्यादा है। किसी का बिल मीटर रीडिंग के हिसाब से नहीं आ रहा है। काफी उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने बिल अदा कर दिया, मगर उनका बिल एरियर जोड़कर भेजा गया है। कर्मचारी घरों में जाकर मीटर रीडिंग दर्ज नहीं कर रहे हैं। ऐसे उपभोक्ताओं के पास औसत आधार पर ही बिल भेजा जा रहा है। जौहरी नगर अत्तर सिंह, सुशील कुमार व मनोज ने बताया कि उन्होंने अक्टूबर में बिल अदा किया था। उसके बाद निगम का कोई कर्मचारी रीडिंग लेने नहीं आया और उनके पास बिल भेज दिया गया। पुराने बिल की राशि को भी जोड़कर भेज दिया गया है। इस औचित्य समझ से परे है। अब बिल ठीक करवाने के लिए उन्हें चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। ऐसे में उन्हें बेवजह परेशानी झेलनी पड़ रही है।

लाइनपार क्षेत्र में अदायगी काउंटर बनवाने की मांग :

लाइनपार क्षेत्र में हजारों उपभोक्ता हैं। यहां बिलों की अदायगी को लेकर कोई काउंटर नहीं बनाया हुआ है। काफी उपभोक्ता आनलाइन बिल जमा कर देते हैं लेकिन जिनके बिलों में गड़बड़ रहती है उनकी आनलाइन अदायगी नहीं हो पाती। पहले बिल ठीक करवाना पड़ता है। इसके लिए नई बस्ती के नजदीक बने निगम के मंडल कार्यालय में जाना पड़ता है। अब रेलवे ने दीवार बनाकर रास्ते भी बंद कर दिए हैं। इसलिए दूर का चक्कर लगाकर कार्यालय आना पड़ता है।

...एजेंसी बदलने के बाद मीटर रीडिंग ली जा रही है। अब औसत आधार पर बिल की समस्या ज्यादा नहीं है। जहां तक एरियर का सवाल है तो बिल देखने के बाद ही यह पता चलता है कि किस वजह से एरियर आया हुआ है। जो उपभोक्ता कार्यालय आ रहे हैं, उनके बिल ठीक किए जा रहे हैं।

--अजय कोहाड़, एक्सईएन, बिजली निगम, बहादुरगढ़


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