चुनावों में Cyber attack का भी खतरा, चुनाव आयोग ने दिए ये पांच Security tips
चुनाव आयोग ने मोबाइल एप्लीकेशन और आयोग की वेबसाइटों का सही तरीके से प्रयोग करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। साइबर अटैक की स्थिति में क्या उपाय अपनाने हैं इसका भी ब्योरा दिया हैैै।
हिसार [वैभव शर्मा]। हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दोनों ही राज्यों में चुनाव आयोग इस बार कई प्रकार की एप्लीकेशन और वेबसाइटों का प्रयोग कर रहा है। इसका उद्देश्य लोगों तक आसानी से और तेजी से जानकारियां पहुंचाना है, मगर इस रास्ते में साइबर अटैक जैसे खतरे भी हैं।
इसी के मद्देनजर अब जिस राज्य में चुनाव हैं, वहां किसी भी प्रकार की चुनाव से संबंधित ऑनलाइन गतिविधियों के लिए आयोग से इजाजत लेनी होगी। ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में मतगणना के दौरान हर घंटे जो आंकड़े आ रहे थे, कुछ लोगों ने आंकड़ों की विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिए थे। ऐसे में इस बार विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग में किसी प्रकार के ऑनलाइन इनीशिएटिव के लिए आवेदन करना होगा।
इसके साथ ही चुनाव आयोग ने चुनाव के दौरान साइबर अटैक जैसी स्थितियों से निपटने के लिए रोडमैप तैयार किया है। इस रोडमैप को फिलहाल दोनों राज्यों में भेजा भी गया है, ताकि चुनाव कराने वाले अधिकारी इंटरनेट के लिए फिशिंग को रोक सकें। इसमें किस प्रकार से लोगों को वेबसाइट व एप चलानी है, इस बात की जानकारी भी दी गई है।
यह दिए हैं पांच प्रकार के सिक्योरिटी टिप्स
- अधिकारी यह न समझें कि उनके साथ हैकिंग जैसी घटना नहीं होगी, बल्कि वह हैकर्स के लिए एक आसान लक्ष्य हैं।
- अच्छे पासवर्ड मैनेजमेंट को जरूर अपनाएं। इसमें कई वेबसाइटों के लिए एक सा पासवर्ड न बनाएं, पासवर्ड में कई अक्षर व सिंबल डालें।
- अगर अपने लैपटॉप, कंप्यूटर, मोबाइल, टैबलेट का प्रयोग नहीं कर रहे हैं तो वेबसाइट को लॉगआउट करें, समय की कोई कमी न महसूस करें।
- जब भी कोई वेबसाइट, ईमेल या किसी प्रकार के अटैचमेंट को खोलें तो उसका यूआरएल अच्छे से देख लें। क्योंकि हैकर्स आपके कंप्यूटर में घुसने के लिए मिलते-जुलते नामों से वेबसाइट या ईमेल भेजते हैं।
- पब्लिक वाईफाई, दोस्तों के इंटरनेट आदि स्थानों पर आधिकारिक वेबसाइटों को न चलाएं।
चुनाव आयोग की वेबसाइट चलाने के दौरान यह बातें रखें ध्यान
- चुनाव आयोग की वेबसाइट ईसीआइ डॉट एनआइसी डॉट इन है। वेबसाइट खोलते समय सुनिश्चित करें कि यही वेब एड्रेस है या अन्य कोई।
- ईसीआइ की वेबसाइट सॉकेट लेयर सिक्योर्ड यानि एसएसएल है, जिससे वेब के पते को आसानी से पहचाना जा सकता है।
- वेब एड्रेस में ही आपको एक लॉक आइकन दिखेगा, जिस पर क्लिक करने पर भारत चुनाव आयोग दिया गया होगा।
- ईसीआइ की वेबसाइट के अलावा जितनी भी सहायक वेबसाइटें होंगी, उसमें ईसीआइ डॉट एनआइसी डॉट इन जरूर होगा।
- इलेक्टोरल फार्म जमा करने के लिए हमेशा एनवीएसपी डॉट इन या वोटर हेल्पलाइन मोबाइल एप का प्रयोग करें।
- गूगल प्ले स्टोर से जब भी एप डाउनलोड करें तो इस एप के डेवलपर का नाम जरूर देखें, इसमें भारत चुनाव आयोग लिखा होगा।
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