पेंशन के लिए प्रशासन के दर पर माथा पटक रहे बुजुर्ग
मेडिकल प्रमाण पत्र न बन पाने के कारण काट रहे हैं चक्कर
- मेडिकल प्रमाण पत्र न बन पाने के कारण काट रहे हैं चक्कर
फोटो- 66 से 69
जागरण संवाददाता, हिसार : 55 वर्ष की उम्र और मानसिक बीमारी से परेशान जगदीश बुढापा पेंशन चाहते हैं ताकि उनको किसी पर आश्रित न रहना पड़े। सरकार की इस योजना का लाभा लेने के उन्हें सरकार के ही सिस्टम ने चक्कर काटने को मजबूर कर दिया है। वह वीरवार को थकहारकर लघु सचिवालय में अधिकारियों से मिलने पहुंच गए। यहां जब उनकी नहीं सुनी गई तो वह फूट फूट कर रोने लगे। उनकी यह हालत देखकर दूसरे लोग भी आ गए और अपनी समस्या बताने लगे। दरअसल बगला गांव निवासी जगदीश को कई वर्ष पहले भूलने की बीमारी हुई थी। वह मानसिक रूप से बीमार हैं और अब बुढापा पेंशन चाहते हैं। इसके लिए मेडिकल प्रमाण पत्र की आवश्यकता है। मगर उन्हें पिछले लंबे समय से स्वास्थ्य विभाग घुमा रहा है। उन्हें यह कहकर भेज दिया जाता है कि बाद में मेडिकल होगा। अब वह अपनी परेशानी किसे बताएं उन्हें कुछ समझ ही नहीं आ रहा।
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दर्जनों बुजुर्गों ने रखी समस्याएं
सिर्फ बुढापा पेंशन ही नहीं बल्कि अन्य पेंशनों के लिए मेडिकल कराने को बुजुर्ग परेशान चल रहे हैं। कुछ गांवों से आए लोगों ने बताया कि उनका भी मेडिकल नहीं हो पा रहा है। इन बुजुर्गों के साथ जब वह स्वास्थ्य विभाग में पीएमओ कार्यालय गए तो वहां बैठे चिकित्सकों ने उनसे गलत व्यवहार किया। इन बुजुर्गों के साथ आई रितू ने बताया कि मेडिकल के लिए वीरवार को तिथि दी गई थी। ऐसे में सभी ग्रामीण अपने-अपने गांव से मेडिकल कराने आ गए। अब विभाग कह रहा है कि मेडिकल कोविड के कारण बंद कर दिए हैं। यहां काफी बहस भी हो गई। मगर मेडिकल नहीं। लिहाजा हम उपायुक्त से शिकायत करने पहुंचे मगर वह उपलब्ध नहीं थी तो उनके पीए कार्यालय के जरिए अब हमें अप्रैल माह की तिथि मिली है। इतने दिन बुजुर्गों को इंतजार करना सही नहीं है।