फतेहाबाद में कोरोना से 8 साल के बच्चे की मौत, बूस्टर डोज लेने वाले सिविल सर्जन और उसकी पत्नी पाजिटिव
फतेहाबाद में अब एक्टिव केसों की संख्या 556 पहुंच गई है। लेकिन राहत ये है कि अस्पताल में एक भी मरीज नहीं है। कोरोना की तीसरी लहर में एक बाल व तीन बुजुर्गों ने दम तोड़ा है। दो जाखल तो एक रतिया के बुजुर्ग ने दम तोड़ा है।
फतेहाबाद, जागरण संवाददाता। फतेहाबाद में इस समय कोरोना पीक पर है। मंगलवार को रतिया खंड के एक गांव में 8 साल के बाल की अग्रोहा मेडिकल कालेज में उपचार के दौरान मौत हो गई। बालक की रिपोर्ट एक दिन पहले ही पाजिटिव आई थी। बालक मंदबुदि्ध था और पिछले कई दिनों से बीमार था। 23 जनवरी को बालक की तबीयत खराब होने के बाद निजी अस्पताल फतेहाबाद में स्वजन लेकर आए थे। लेकिन उसकी हालत खराब होने पर अग्रोहा रेफर कर दिया था। मंगलवार तड़के उसकी मौत हो गई। कोरोना नियम के तहत बालक के शव का अंतिम संस्कार किया गया। इसके अलावा बूस्टर डोज लगवाने वाले सिविल सर्जन व उनकी पत्नी काेरोना पाजिटिव पाए गए है। वहीं मंगलवार को 34 केस मिले है। राहत ये रही कि 118 ठीक हुए है।
तीसरी लहर में प्रतिदिन एक हजार सैंपल लेने का रखा था टारगेट
ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को कोरोना के सैंपल बढ़ाने चाहिए, लेकिन यहां पर तो सैंपलों की संख्या भी कम कर दी है। कोरोना की तीसरी लहर जब शुरू हुई तो स्वास्थ्य विभाग के आदेश थे कि हर दिन कम से कम एक हजार लोगों के सैंपल लिए जाए। शुरू में ऐसा दिखा भी। हर दिन एक हजार से अधिक लोगों के सैंपल लिए गए। लेकिन जैसे-जैसे कोरोना के मरीज बढ़ते गए वैसे ही स्वास्थ्य विभाग ने सैंपल कम कर दिए। सैंपल लेने के नियम बना दिए गए। सरकारी अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी तब तक सैंपल नहीं दे पा रहे है जब तक उनके अंदर किसी प्रकार के लक्षण नजर न आ जाए। इसके अलावा जो लोग अब पाजिटिव आ रहे है उनके स्वजनों के सैंपल नहीं लिए जा रहे है। अगर तीन दिन के अंदर कोई लक्षण नजर आता है तो सैंपल लिए जा रहे है। यहीं कारण है कि सैंपल लेने की रफ्तार में कमी आई है।
सरकारी अस्पतलों में इलाज करवाने वाले मरीजों को देने पड़ रहे सैंपल
स्वास्थ्य विभाग अब सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को सैंपल देने अनिवार्य कर दिया है। यहीं कारण है कि जो टारगेट रहता है वो अस्पताल में ही पूरा हो रहा है। वहीं लोग है कि टेस्टिंग करवाने के लिए आगे नहीं आ रहे। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक एंबुलेंस वैन भी लगाई गई है। लेकिन दिन में महज 100 के करीब टेस्ट हो पा रहे है। यहीं कारण है कि सैंपल कम हो रहे है। इसके अलावा सैंपल कम होने के बावजूद लोग पाजिटिव अधिक हो रहे है। यहीं कारण है कि स्वास्थ्य विभाग ने मान लिया है कि जिले में कोरोना संक्रमण पीक पर है।
वैक्सीन दे रही सुरक्षा
जिले में अब एक्टिव केसों की संख्या 556 पहुंच गई है। लेकिन राहत ये है कि अस्पताल में एक भी मरीज नहीं है। कोरोना की तीसरी लहर में एक बाल व तीन बुजुर्गों ने दम तोड़ा है। दो जाखल तो एक रतिया के बुजुर्ग ने दम तोड़ा है। वही रतिया खंड के एक गांव में बालक ने दम तोड़ा है। बुजुर्गों ने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई थी। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग लोगों से अपील कर रहा है कि वैक्सीन जल्द से जल्द लगवा ले। जिले में अब तो जो लोग पाजिटिव आ रहे है उनमें से 70 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है। यहीं कारण है कि कोरोना संक्रमण इन पर असर नहीं डाल रहा।
अब जाने पिछले कुछ दिनों से हुए टेस्ट व संक्रमित मरीज
तिथि टेस्ट संक्रमित मिल
14 जनवरी 645 92
15 जनवरी 685 53
16 जनवरी 289 65
17 जनवरी 857 92
18 जनवरी 886 57
19 जनवरी 855 40
20 जनवरी 901 156
21 जनवरी 620 148
22 जनवरी 505 155
23 जनवरी 159 71
24 जनवरी 445 140
25 जनवरी 655 34
जिले में अब हर चौथा व्यक्ति हो रहा पाजिटिव
कोरोना से बालक की मौत हुई है। अस्पताल में हर गांव व शहर से मरीज आ रहे है। ऐसे में रेंडम से टेस्ट हो रहे है और पता भी चल रहा है कि संक्रमण कितना है। पिछले कुछ दिनों से संक्रमण बढ़ा है। ऐसे में सावधानी जरूरी है।
----डा. मेजर शरद तूली, नोडल अधिकारी फतेहाबाद।