एचएयू में क्लर्क लगवाने के नाम पर महिला से आठ लाख ठगे, जांचकर्ता पर रिश्वत मांगने का आरोप
एचएयू में क्लर्क लगवाने के नाम पर प्लेसमेंट एजेंसी के मालिक पर आठ लाख रुपये ठगने का आरोप लगाया है। साथ ही मामले में जांचकर्ता एएसआइ पर भी आरोपित से मिलीभगत करने का आरोप लगाया है। मामले में ममता ने सिविल लाइन थाना पुलिस को शिकायत दी है।
जागरण संवाददाता, हिसार: मूल रुप से सिरसा के गांव डिंग मंडी निवासी और हाल कृष्णा नगर में रह रही ममता ने एचएयू में क्लर्क लगवाने के नाम पर प्लेसमेंट एजेंसी के मालिक पर आठ लाख रुपये ठगने का आरोप लगाया है। साथ ही मामले में जांचकर्ता एएसआइ पर भी आरोपित से मिलीभगत करने का आरोप लगाया है। मामले में ममता ने सिविल लाइन थाना पुलिस को शिकायत दी है। शिकायत में बताया कि वह फरवरी 2020 में पवन वर्मा से उसके सिक्योरिटी प्लेसमेंट कार्यालय में मिली थी।
उसने अपने आपको कंपनी में पार्टनर बताया और कहा की वह उसे डीसी रेट पर टेक्निकल अस्सिटेंट के पद पर बरवाला में नौकरी दिलवा देगा। वहां प्रति माह 20,000 रुपये वेतन मिलेगा। आरोपित ने उसे दो मार्च 2020 से 12 जुलाई 2020 तक डीइओ की पोस्ट पर डीसी आफिस के माध्यम से डीसी रेट पर बरवाला में लगवा दिया था। जिसकी उसे 15,000 हजार रुपये प्रति माह तनख्वाह भी खाते में आती रही और अनुभव प्रमाण पत्र भी इनकी कंपनी ने उसे दे दिया। इसके बाद आरोपित ने उसे विश्वास में लेकर कहा की वह उसे एचएयू में क्लर्क के पद पर लगवा देगा।
लेकिन इसके बदले में आरोपित पवन ने उससे आठ लाख रुपये मांगे। पीड़िता ने बताया कि उसने ब्याज पर उधार लेकर तीन मार्च 2021 तक आरोपित को कुल 8,00,000 रूपये अलग-अलग तारीख में दे दिए। कई बार फोन पे और गूगल पे से भी पैसे ट्रांसफर किए। लेकिन आरोपित ने रकम लेने के बाद उसका फोन उठाना बंद कर दिया। उसके नौकरी भी नहीं दिलाई और धोखाधड़ी से रुपये भी ठग लिए, रुपये वापस मांगने पर जान से मारने की धमकी दी। उसने आरोपित के खिलाफ एक शिकायत 22 अप्रैल 2021 को पुलिस चौकी प्रभारी बस अड्डा को दी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। 29 अप्रैल 2021 को एक शिकायत एसपी को दी। जिसके बाद उसे जांच अधिकारी ने बुलाया।
पीड़िता ने बताया कि वहां पर उस समय महेन्द्र वासी गांव दौलपुर खेड़ा भी मौजुद था। महेन्द्र ने आरोपित पवन के खिलाफ इसी तरह से धोखाधड़ी से सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 14,30,000 रुपये की ठगी करने की शिकायत दी हुई थी। इस मामले की जांच भी उसके मामले की जांच करने वाले एएसआइ ही कर रहे थे। पीड़िता का आरोप है कि उससे और महेंद्र से वहां 50,000-50,000 रूपये जांचकर्ता ने मांगे। आरोप है कि आठ जून 2021 को आरोपित ने उसके 8,00,000 रूपये और महेंद्र के 14,30,00 रूपये वापस देने बारे आर्थिक अपराध शाखा में लिखित में एएसआइ को उनके सामने दिया था।
उसने अपने मोबाईल से उस सबूत की अपने फोन में फोटो ले ली थी। इस बात की जानकारी जांच अधिकारी व आरोपित पवन वर्मा को नहीं थी। आरोप है कि पवन ने एएसआइ नौरंग के साथ साजबाज होकर उसे नौकरी लगवाने बाबत लिए गए रुपयों के सबूत को नष्ट कर दिया। 17 जनवरी 2022 की सुबह करीब 10:15 बजे आरोपित पवन वर्मा ने राजगढ़ रोड पर सरेआम उसे जातिसूचक गालियां दी। आरोपित ने कहा कि उसने पुलिस से सेटिंग कर सबूत नष्ट करवा दिया है। पुलिस ने शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है।