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प्रदेश में नीली क्रांति को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठा रही सरकार : निदेशक

जागरण संवाददाता हिसार मत्स्य पालन विभाग के निदेशक प्रेम सिंह मलिक ने कहा कि राज्य सरकार

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Jun 2021 11:10 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jun 2021 11:10 PM (IST)
प्रदेश में नीली क्रांति को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठा रही सरकार : निदेशक
प्रदेश में नीली क्रांति को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठा रही सरकार : निदेशक

जागरण संवाददाता, हिसार : मत्स्य पालन विभाग के निदेशक प्रेम सिंह मलिक ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में नीली क्रांति को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठा रही है। सरकार द्वारा वर्ष-2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए की जा रही गतिविधियों में मत्स्य पालन विभाग की अहम भूमिका रहेगी। मत्स्य पालन विभाग के निदेशक बुधवार को स्थानीय जल कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान हिसार एवं रोहतक मंडल के अंतर्गत आने वाले जिलों के मत्स्य पालन अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में मत्स्य पालन के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं एवं कार्यक्रमों को प्रभावशाली ढंग से लागू किया गया है। विभाग द्वारा मत्स्य पालन को लेकर जो लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, अधिकारी उनको पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करें। जो अधिकारी निर्धारित किए गए लक्ष्यों के अनुसार कार्रवाई नहीं करेंगे उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बैठक में प्रत्येक जिले में मत्स्य पालन को लेकर की गई कार्रवाई के संदर्भ में संबंधित अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा प्रदेश में पांच हजार 579 किसानों को मत्स्य पालन का प्रशिक्षण देने के अतिरिक्त कुल 11 हजार 805 किसानों को लाभान्वित किया गया है, जिसमें 1500 अनुसूचित जाति के परिवार शामिल हैं। विभाग द्वारा पंचायती तालाब पर 50 प्रतिशत अनुदान और खाद व खुराक पर 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सामान्य वर्ग के लिए आरएएस, बायोफ्लॉक, निजी भूमि पर नये तालाब की खुदाई पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। मत्स्य पालन का व्यवसाय करने वाले किसानों को पहले मत्स्य बीज बाहरी प्रदेशों से लाना पड़ता था, लेकिन इस समय प्रदेश में 15 मत्स्य बीज फार्म कार्यरत हैं। आधुनिक तकनीक के ²ष्टिगत पहले 10 एकड़ में होने वाला मत्स्य उत्पादन अब एक एकड़ में हो रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1966-67 में प्रदेश में 600 टन मत्स्य उत्पादन होता था, जो बढ़कर वर्ष 2020-21 में दो लाख तीन हजार 160 टन हो गया है। राज्य सरकार द्वारा मत्स्य पालन विभाग के वर्ष 2014-15 में 699.25 लाख के बजट को बढ़ाकर वर्ष 2020-21 में 12242 लाख कर दिया गया है। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक (मुख्यालय) धर्मेंद्र सिंह, उपनिदेशक पवन कुमार, जिला मत्स्य अधिकारी अनिल कुमार, रमेश कुमार डांगी, प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य श्रीपाल राठी सहित विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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