Education News: दिल्ली हाईकोर्ट ने दी CBSE बोर्ड के विद्यार्थियों को राहत, दोबारा परीक्षा दे सकते हैं छात्र
सीबीएसई बोर्ड ने इस बार कोविड-19 एक नए फार्मूले टेबुलेशन कम माडरेशन पालिसी 2021 के साथ विद्यार्थियों को 12वीं कक्षा में पास किया था। इस फार्मूले में 10वीं 11वीं और स्कूल द्वारा दिए जाने वाले अंकों के साथ पूरा परीक्षा परिणाम तय होना था।
हिसार, जागरण संवाददाता। सीबीएसई बोर्ड के विद्यार्थियों को दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत दी है। हाईकोर्ट ने सीबीएसई को याचिका लगाने वाले विद्यार्थियों की प्रजेंटेशन पर दोबारा से गौर करने के लिए कहा है। इसके साथ ही अगर विद्यार्थी दोबारा परीक्षा देना चाहते हैं तो वह भी अधिकार उनके पास है। कुल मिलाकर अब जल्द ही इस समस्या का समाधान हाेने की उम्मीद है।
इस फार्मुले के तहत घोषित किए थे परिणाम
गौरतलब है कि सीबीएसई बोर्ड ने इस बार कोविड-19 एक नए फार्मूले (टेबुलेशन कम माडरेशन पालिसी 2021) के साथ विद्यार्थियों को 12वीं कक्षा में पास किया था। इस फार्मूले में 10वीं, 11वीं और स्कूल द्वारा दिए जाने वाले अंकों के साथ पूरा परीक्षा परिणाम तय होना था। इस फार्मूले के चलते कई मेधावी विद्यार्थियों के कम अंक आए। जबकि उन्होंने 10वीं में 90 फीसद से अधिक अंक पा रखे थे। इस समस्या का समाधान जब सीबीएसई से नहीं हुआ तो हिसार और रोहतक के 35 विद्यार्थियों ने दिल्ली स्थित हाईकोर्ट का रुख किया था। विद्यार्थियों ने 27 अगस्त को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने एक सिंतबर को सुनवाई की। सीबीएसई के इस फार्मूले के अनुसार 10वीं के अंकों का 30 फीसद, 11वीं का 30 फीसद और 40 फीसद स्कूलों को असेसमेंट करना था। इसके साथ ही सीबीएसई ने माडरेशन कैप लगा दी। जिसके कारण विद्यार्थियों के अंक कम लगे।
विद्यार्थियों ने बताया कि हमें 60 से 65 फीसद अंक दिए
विद्यार्थियों का आरोप है कि इस फार्मूले के कारण वह भविष्य में करियर को लेकर काफी चिंतित हैं। क्योंकि स्कूल प्रबंधन ने उन्हें 60 से 65 फीसद तक अंक दिए हैं। जबकि किसी भी प्रतियागी परीक्षा में बैठने के लिए उच्च अंक मांगे जाते हैं। ऐसे में विद्यार्थी देश में अन्य विद्यार्थियों से प्रतिस्पर्धा करने योग्य ही नहीं रह गए हैं। सिर्फ यह नहीं बल्कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड तक ने अपने यहां विद्यार्थियों को 100 फीसद अंक देकर पास किया है, ऐसे में सीबीएसई के यह विद्यार्थी तो मेधावी होने के बावजूद राज्य शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों ने तकनिकी रूप से पिछड़ गए हैं।
सबसे अधिक ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल हुए प्रभावित
इस माडरेशन कैप के कारण सबसे अधिक ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों के विद्यार्थी प्रभावित हुए। इसके साथ ही छोटे स्कूलों के विद्यार्थियों को भी सबसे अधिक नुकसान हुआ है। क्योंकि यहां टाप आने वाले विद्यार्थी काफी रहते हैं। इसके साथ ही कई विद्यार्थियों को पूरे अंक भी नहीं मिले।