134ए के तहत क्यों नहीं हुआ दाखिला या क्या कारण रहा, जिले की स्थिति जानेगा शिक्षा विभाग
जिले में 134-ए में बच्चों का दाखिला क्यों नहीं हुआ या दाखिला न होने का क्या कारण रहा। यह शिक्षा विभाग स्कूल व बच्चे के अभिभावक से जानकारी लेगा। इस बारे में वीरवार को हुई वीसी में शिक्षा विभाग अधिकारियों को आदेश जारी किए थे। 134-ए से संबंधित मामलों का निपटान करने के लिए सोमवार का अंतिम समय दिया है।
जागरण संवाददाता, हिसार : जिले में 134-ए में बच्चों का दाखिला क्यों नहीं हुआ या दाखिला न होने का क्या कारण रहा। यह शिक्षा विभाग स्कूल व बच्चे के अभिभावक से जानकारी लेगा। इस बारे में वीरवार को हुई वीसी में शिक्षा विभाग अधिकारियों को आदेश जारी किए थे। 134-ए से संबंधित मामलों का निपटान करने के लिए सोमवार का अंतिम समय दिया है। इसके बाद ही अगली सूची जारी होगी। अब तक 1186 बच्चे रिजेक्ट किए जा चुके है। एक तरह से रिजेक्ट होने वाले बच्चों का आंकड़ा अधिक है। ज्यादातर स्कूलों ने ही बहाने बनाकर किए है। रिजेक्ट किए गए विद्यार्थियों को दोबारा से मौका मिलने की उम्मीदें है। यह मौका उन बच्चों को मिलेगा, जिनको स्कूल वालों ने दाखिला देने से मना कर दिया है या किसी स्कूल में सीट ही खाली नहीं। अगर किसी बच्चे का पोर्टल पर नाम गलत था, क्लास गलत भरी थी या मनपसंद स्कूल न मिलने पर दाखिला नहीं लिया। उनको अगला मौका मिलना मुश्किल है। इस पर शिक्षा विभाग भी स्पष्टीकरण नहीं कर रहा, क्योंकि यह सूची पंचकूला हेडक्वार्टर से ही जारी होनी है। ------------- 3137 हुए थे अलाट जिले में 134-ए की सूची जारी होने पर 3137 बच्चों को सीटें अलाट हुई थी। इनमें से 1900 से अधिक बच्चों के दाखिले हो चुके है। रिजेक्ट हुए कुछ बच्चों ने एसएलसी स्कूल से कटवा ली और दाखिला नहीं हुआ। उस स्कूल में वापस दाखिला न होता तो शिक्षा विभाग को सूचना दें।
------------- दो स्कूलों ने साफ मना किया तो 70 बच्चे वंचित दो निजी स्कूलों ने 134-ए के बच्चों को दाखिला देने से साफ इन्कार करने 70 बच्चे दाखिले से वंचित रह गए। पहले शिक्षा विभाग ने इनको नोटिस भेजा था, इन्होंने जवाब में कोर्ट में चल रहे केस का हवाला दिया था। इनका जवाब विभाग ने पंचकूला हेडक्वार्टर को भेजा है। -------------- 134-ए की फीस के लिए कोई आवेदन जिले में शिक्षा विभाग की ओर से सत्र 2020-2021 के 134-ए के बच्चों की बकाया फीस 68 स्कूलों को 66 लाख रुपये जारी कर दिए है। मगर एक सप्ताह से विभाग के पास अन्य कोई स्कूलों की मांग नहीं आई है कि फीस बकाया है या नहीं। 44 लाख रुपये फीस का बजट बचा हुआ है।