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प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के साथ भेदभाव कर रहा शिक्षा विभाग

संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सेठी ने कहा कि गांवों में स्थित विभिन्न प्राइवेट स्कूल भी नाममात्र की फीस पर बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं। इसी का परिणाम है कि इन स्कूलों कहोनहारों ने भी राज्य स्तर पर टॉप रैंक व मेरिट लिस्ट में स्थान बनाया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 07:43 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 07:43 AM (IST)
प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के साथ भेदभाव कर रहा शिक्षा विभाग
प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के साथ भेदभाव कर रहा शिक्षा विभाग

जागरण संवाददाता, हिसार : सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने गरीब व होनहार बच्चों के लिए शुरू की गई सुपर-100 योजना में केवल सरकारी स्कूल के बच्चों को ही शामिल किए जाने का विरोध जताया है।

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संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सेठी ने कहा कि गांवों में स्थित विभिन्न प्राइवेट स्कूल भी नाममात्र की फीस पर बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं। इसी का परिणाम है कि इन स्कूलों के होनहारों ने भी राज्य स्तर पर टॉप रैंक व मेरिट लिस्ट में स्थान बनाया है।

उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल में पढ़ने का यह मतलब नहीं है कि यहां के बच्चे भी आर्थिक तौर पर मजबूत हैं। इन स्कूलों में नियम 134ए के तहत निम्न आय वर्ग के बच्चे भी पढ़ रहे हैं। सरकार जब 134ए के तहत बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा रही है तो फिर सुपर 100 योजना में इन्हें भी शामिल किया जाना चाहिए। सरकारी और प्राइवेट स्कूल के बच्चों के बीच इस तरह का भेदभाव शिक्षा विभाग को शोभा नहीं देता।


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