जिले में 2.5 लाख लोगों से अधिक के मोबाइल में डाउनलोड करवाई जाएगी ई-संजीवनी एप
जागरण संवाददाता हिसार स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को सिविल अस्पताल में जिले की सभी आश
जागरण संवाददाता, हिसार : स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को सिविल अस्पताल में जिले की सभी आशा वर्कर्स व ब्लॉक आशा कोर्डिनेटर की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में आशा वर्कर्स को ई-संजीवनी मोबाइल एप की ट्रेनिग दी गई। साथ ही आदेश दिए गए कि वह अपने अधीन आने वाले सभी आशा वर्कर्स को यह एप डाउनलोड करना सिखाएंगी। साथ ही ग्रामीण स्तर पर गर्भवती महिलाओं के केस में मोबाइल में ई-संजीवनी ओपीडी मोबाइल एप इंस्टॉल करवाएं। ताकि किसी भी स्वाथ्य संबंधी समस्या के लिए गर्भवती महिला सीधे घर बैठे ही डाक्टर से परामर्श ले सकें।
सभी आशा वर्कर को जिला अस्पताल में चल रहे एसएनसीयू के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि मेडिकल कॉलेज अग्रोहा में भी ऐसा एसएनसीयू नहीं है व मेडिकल कॉलेज भी गंभीर बच्चों को नागरिक अस्पताल रेफर किया जाता है। एसएनसीयू में दाखिल कुल बच्चों में 2019-20 तक करीब 65 से 70 फीसद बच्चे बाहर के अस्पतालों से रेफर होकर आते है। कुल बच्चों में डिस्चार्ज होने वाले बच्चों की देखभाल के बारे में बताया कि बच्चे के डिस्चार्ज होने के बाद जब बच्चे अपने घर चले जाते है। तब आशा द्वारा उनके घर विजिट करके उनका ध्यान रखा जाता है तथा किसी भी गंभीर लक्षणों की पहचान होते ही तुरंत रेफर किया जाता है। जिला अस्पताल में चलने वाले शिशु वार्ड व एनआरसी वार्ड के बारे में आशा वर्कर को बताया गया। साथ ही एनआरसी री-हैबिलेशन सेंटर के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि 2019-20 में 84 व 2020-21 में 27 कुपोषित बच्चों को एनआरसी में दाखिल किया गया है। वहीं बच्चों के साथ आने वाले केयरटेकर को प्रतिदिन 100 रुपये के हिसाब से भुगतान किया जाता है।