चप्पल के बगल में जूता चुनाव निशान देख भड़के दुष्यंत, बोले- भाजपा की है साजिश
सांसद दुष्यंत ने कहा है कि जेजेपी की लोकप्रियता से भाजपा इस कदर खौफजदा है कि ईवीएम के माध्यम से जेजेपी के खिलाफ साजिशें रच रही हैंं। मगर जनता इनकी साजिशों को नाकाम कर देगी।
हिसार, जेएनएन। निर्दलीय प्रत्याशी को जूता चुनाव चिन्ह आवंटित करने और चप्पल चुनाव निशान के बगल में दिए जाने पर सांसद दुष्यंत चौटाला भड़क गए हैं। इसे लेकर दुष्यंत ने चुनावी मसलों के विशेषज्ञों से सलाह मशविरा भी किया। फिर पार्टी ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखित शिकायत भेजी है। पार्टी ने पूरे प्रकरण की जांच कराने और निर्दलीय का चुनाव चिन्ह रद करने की गुहार लगाई।
जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के हिसार से प्रत्याशी दुष्यंत ने इसे भाजपा की साजिश करार दिया है। भाजपा ने आरोप को सिरे से नकारा है। इस बीच जिला निर्वाचन अधिकारी अशोक कुमार मीणा ने कहा है कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन का 100 प्रतिशत पालन हुआ है।
हिसार लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी सलीम दीन को जूता चुनाव चिन्ह आवंटित हुआ है जबकि दुष्यंत की पार्टी का चुनाव चिन्ह चप्पलें है। दुष्यंत की चिंता की वजह यह है कि ये दोनों चुनाव चिन्ह ईवीएम की बैलेट यूनिट में अगल-बगल में होंगे। हिसार लोकसभा सीट से 24 प्रत्याशी मैदान में हैं। यानि मतदान केंद्र में ईवीएम की दो बैलेट यूनिट लगेगी। एक बैलेट यूनिट में 16 प्रत्याशियों के नाम दर्ज होते हैं।
हिसार संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी की तरफ जारी सूची में दुष्यंत का नाम 8वें नंबर पर है। दूसरी तरफ जूता चुनाव चिन्ह वाले प्रत्याशी सलीम दीन 24वें नंबर पर है। अगर इसी क्रम से दो बैलेट यूनिट लगेंगी तो सलीम का चुनाव चिन्ह भी दूसरी यूनिट में 8वें नंबर पर होगा। ये दोनों बैलेट यूनिट अगल-बगल में रखे होने की स्थिति में दुष्यंत को अपने वोट कटने का डर सता रहा है।
हिसार से 46 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा था। 18 प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिए, 2 के नामांकन रद हो गए। अब 26 प्रत्याशी बचे हैं। इनमें राजनीतिक दलों की टिकट पर 13 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं जबकि बाकी 13 आजाद उम्मीदवार है।
दुष्यंत बोले-भाजपा की साजिश, प्रशासन पर दबाव
सांसद दुष्यंत ने कहा है कि जेजेपी की लोकप्रियता से भाजपा इस कदर खौफजदा है कि ईवीएम के माध्यम से जेजेपी के खिलाफ साजिशें रच रही हैंं। मगर जनता इनकी साजिशों को नाकाम कर देगी। ईवीएम की दो बैलेट यूनिट होने पर चप्पल और जूते का चुनाव निशान न केवल एक दूसरे के आमने सामने पड़ते हैं बल्कि अलग-अलग मशीन में एक ही स्थान पर दिखलाई देते हैं। इन परिस्थितियों में क्षेत्र की भोली भाली ग्रामीण जनता के भ्रमित होने की संभावना रहती है। प्रशासन के अधिकारियों पर भाजपा ने दबाव बना मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए ऐसा किया है।
हार सामने देख कर बौखला गए हैं दुष्यंत : डा. कमल गुप्ता
भाजपा विधायक एवं हिसार लोकसभा के संयोजक डा. कमल गुप्ता का कहना है कि निर्दलीय प्रत्याशी को जूता दिलाने में भाजपा के हाथ होने काेे लेकर दुष्यंत चौटाला का कथन हास्यापद है। सच्चाई यह है कि दुष्यंत चौटाला ने अपनी हार स्वीकार कर ली है और वे बौखलाहट में ऐसे बयान दे रहे हैं। चाचा के बाद भाई ने सोनीपत से खड़ा होकर दुष्यंत को दगा दे दिया है। कार्यकर्ता दो जगह बंट गए हैं। चुनाव प्रचार करने वाले बचे नहीं है। ऐसे में दुष्यंत अजीब तरह के तर्क देने में लगे हैं।
सलीम बोला-चप्पल सोच कर जूता नहीं लिया
सुलखनी के रहने वाले निर्दलीय प्रत्याशी सलीम दीन का कहना है कि वह कुछ अलग तरह का चुनाव चिन्ह चाहते थे। तभी जूता, हल चलाता किसान और स्कूल बैग भरा था। चप्पल को सोचकर जूता बिलकुल नहीं भरा। ये चुनाव आयोग नहीं दिया है। अगर कोई कहता है कि चुनाव चिन्ह बदल दो तो यह गलत होगा। ऐसे तो कोई उनकी चप्पल का चुनाव चिन्ह बदलने की बात भी कर सकता है। मगर यह ठीक नहींं होगा। वे अपने चिन्ह को लेकर प्रचार शुरू कर चुके हैं।
ट्रैक्टर के सामने आया रोड रोलर, ले गया था 40 हजार वोट
3 जून 2011 को पूर्व सीएम एवं सांसद चौधरी भजनलाल की मृत्यु के बाद अक्टूबर में उपचुनाव हुआ था। उस चुनाव में हजकां के प्रत्याशी कुलदीप बिश्नोई का चुनाव चिन्ह ट्रैक्टर था जबकि एक निर्दलीय प्रत्याशी को रोड रोलर चुनाव चिन्ह आवंटित हुआ था। तब रोड रोलर वाले प्रत्याशी को करीब 40 हजार वोट मिले थे। हालांकि तब भी कुलदीप अपने प्रतिद्वंद्वी अजय सिंह चौटाला को हराने में कामयाब हुए थे। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में हजकां-भाजपा के प्रत्याशी कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ उनके 6 हमनाम प्रत्याशी मैदान में थे। हमनाम प्रत्याशियों को कुल 12 हजार 320 वोट हासिल हुए थे।
3 जून 2011 को पूर्व सीएम एवं सांसद चौधरी भजनलाल की मृत्यु के बाद अक्टूबर में उपचुनाव हुआ था। उस चुनाव में हजकां के प्रत्याशी कुलदीप बिश्नोई का चुनाव चिन्ह ट्रैक्टर था जबकि एक निर्दलीय प्रत्याशी को रोड रोलर चुनाव चिन्ह आवंटित हुआ था। तब रोड रोलर वाले प्रत्याशी को करीब 40 हजार वोट मिले थे। हालांकि तब भी कुलदीप अपने प्रतिद्वंद्वी अजय सिंह चौटाला को हराने में कामयाब हुए थे। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में हजकां-भाजपा के प्रत्याशी कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ उनके 6 हमनाम प्रत्याशी मैदान में थे। हमनाम प्रत्याशियों को कुल 12 हजार 320 वोट हासिल हुए थे।
--प्रत्याशियों को चुनाव आयोग की 1968 की गाइडलाइलेंस के अनुसार ही चुनाव चिह्न आबंटित किए गए हैं। नियमों में साफ-साफ लिखा है कि प्रत्याशी अपनी मर्जी से तीन चुनाव चिह्न चुनता है उसी के आधार पर उसे चुनाव चिह्न दिया जाता है। इसके अलावा ईवीएम में पार्टी के अनुसार अलफा बेट तरीके से ही नाम सेट किए जाते हैं। हमने 100 फीसद चुनाव आयोग की गाइडलाइन का पालन किया है।
- अशोक कुमार मीणा, जिला निर्वाचन अधिकारी