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जागरूकता रंग नहीं लाई तो प्रशासन ने सख्ती दिखाई, धान कटाई पर एसएमएस यंत्र न लगाने पर कार्रवाई

एडीसी एएस मान ने कृषि अधिकारियों के साथ फसल अवशेष प्रबंधों के लिए बनाई कार्ययोजना की समीक्षा की जिला में फसल अवशेष न जलाने के लिए धान बिजाई वाले सभी 136 गावों में चलेगा अभियान

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 01:56 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 02:38 PM (IST)
जागरूकता रंग नहीं लाई तो प्रशासन ने सख्ती दिखाई, धान कटाई पर एसएमएस यंत्र न लगाने पर कार्रवाई
जागरूकता रंग नहीं लाई तो प्रशासन ने सख्ती दिखाई, धान कटाई पर एसएमएस यंत्र न लगाने पर कार्रवाई

जेएनएन, हिसार : अतिरिक्त उपायुक्त अमरजीत सिंह मान ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कंबाइन हार्वेस्टर के साथ एसएमएस (स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम) यंत्र अटैच करना अनिवार्य है। जो कंबाइन संचालक ऐसा नहीं करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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एडीसी मान ने यह बात आज अपने कार्यालय में कृषि अधिकारियों के साथ फसल अवशेष प्रबंधन के लिए आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि जिला में इस बार धान के अवशेषों को आग लगाने की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी। इसे सफल बनाने के लिए किसानों का भी पूरा सहयोग लिया जाएगा और उन्हें जागरूक करने के लिए जिला में विभिन्न प्रकार के कार्यक्त्रम आयोजित किए जाएंगे।

अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि फसल कटाई करने वाले कंबाइन हार्वेस्टर के साथ एसएमएस (स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम) उपकरण अटैच करना अनिवार्य किया गया है। एसएमएस यंत्र साथ लगाकर फसल काटने के बाद खेत में इतने अवशेष नहीं बचते कि उन्हें आग लगानी पड़े। कंबाइन के साथ यह यंत्र न लगाने वाले कंबाइन मालिकों पर जुर्माना किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला के सभी कंबाइन संचालकों को यह नोटिस दिया जाए कि वे अपने हार्वेस्टर के साथ एसएमएस यंत्र लगाना सुनिश्चित करें।

अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा अनुदान पर उपलब्ध करवाए जाने वाले कृषि उपकरणों के बारे में पूरी जानकारी दी जाए। इसके लिए लघु सचिवालय में किसी खाली स्थान पर कृषि उपकरणों की एक स्थाई प्रदर्शनी लगवाई जाए। लघु सचिवालय में आने वाले किसान इन उपकरणों को देखकर इनके उपयोग की जानकारी लेंगे और खेत में इनका प्रयोग करने के लिए प्रेरित होंगे।

उन्होंने कहा कि जिला में धान बिजाई वाले सभी 136 गावों में ग्राम स्तरीय जागरूकता शिविर लगाने में केवल औपचारिकता न की जाए बल्कि कृषि अधिकारी पूरी तैयारी व जानकारी के साथ किसानों के बीच जाएं। अधिकारी कार्यक्त्रम में किसानों की रुचि पैदा करते हुए उन्हें प्रेरित करें कि वे मन से फसल अवशेष प्रबंधन को अपनाएं। जागरूकता शिविर लगाने वाले एडीओ व अन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण, प्रचार सामग्री व तथ्यात्मक जानकारिया उपलब्ध करवाएं। इसके लिए कल 14 सितंबर को बाद दोपहर 3 बजे एडीओ व अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्त्रम आयोजित किया जाए।

उन्होंने कहा कि धान बिजाई वाले प्रत्येक गाव में कम से कम 2 होर्डिंग्स सार्वजनिक भवनों पर लगवाए जाएं जिन पर फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में पूरी जानकारी प्रकाशित हो। इन्हें पढक़र भी किसान अवशेष प्रबंधन के लिए प्रेरित होंगे। इसी प्रकार प्रत्येक गाव में कम से कम 5 एकड़ भूमि पर फसल अवशेषों के प्रबंधन का प्रदर्शन किया जाए जिसमें उस गाव के अधिक से अधिक किसानों को दिखाया जाए कि वे किस उपकरण की मदद से क्या काम कर सकते हैं।

एडीसी मान ने कहा कि किसानों की जागरूकता के लिए 18 सितंबर को बास में तथा 26 सितंबर को नारनौंद में खंड स्तरीय जागरूकता सेमिनार आयोजित किए जाएं। इसके पश्चात जिला स्तरीय जागरूकता सेमिनार आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धान बोने वाले खंडों के लिए मोबाइल वैन तैयार करवाकर गाव-गाव प्रचार किया जाए ताकि लोगों तक सरकार व प्रशासन का संदेश पहुंचाया जा सके।

कृषि उपनिदेशक डॉ. विनोद फोगाट ने बैठक में बताया कि जिला में 315 के लक्ष्य के मुकाबले 267 किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन उपकरण पर सब्सिडी हेतु चुना गया है जिनके यंत्रों व बिलों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। जल्द ही इन किसानों के खातों में सब्सिडी की राशि भेज दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला में 10 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य था जिसे पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि बचे हुए कृषि उपकरणों के लिए ड्रा का आयोजन भी जल्द किया जाएगा ताकि और अधिक किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन उपकरण सब्सिडी पर मुहैया करवाए जा सकें। अब तक उपकरण ले चुके किसानों और सीएचसी प्रतिनिधियों के लिए 14 से 21 सितंबर तक हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण कार्यक्त्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमें उन्हें कृषि यंत्रों के संचालन व रखरखाव से संबंधित तमाम जानकारिया दी जाएंगी।

इस अवसर पर कृषि उपनिदेशक डॉ. विनोद फोगाट, हकृवि वैज्ञानिक मुकेश जैन, केवीके से डॉ. विकास हुड्डंा, एलडीएम बीके धींगड़ा, सहायक कृषि अभियंता सुभाष चंद्र, विषय विशेषज्ञ प्रवीन मंडल, तकनीकी सहायक डॉ. सोमप्रकाश, शमशेर सिंह व विजय कुमार सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।


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