बारिश से आंदोलन स्थल पर बिगड़ी व्यवस्था, भीगे तंबुओं में अब फिर से बढ़ेगा मच्छरों का प्रकोप
बारिश से आंदोलन स्थल पर फिर से व्यवस्था बिगड़ गई है। बारिश में भीगे तंबुओं में अब फिर से मच्छराें का प्रकोप बढ़ेगा। पहले से ही किसान आंदोलन स्थल पर सफाई और दूसरी सुविधाओं की कमी को लेकर आक्रोशित हैं
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : पिछले 24 घंटों के अंदर बहादुरगढ़ में हुई 115 एमएम बारिश से आंदोलन स्थल पर फिर से व्यवस्था बिगड़ गई है। बारिश में भीगे तंबुओं में अब फिर से मच्छराें का प्रकोप बढ़ेगा। पहले से ही किसान आंदोलन स्थल पर सफाई और दूसरी सुविधाओं की कमी को लेकर आक्रोशित हैं और एक दिन पहले प्रशासन को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं। अब इस बारिश के बाद उनके लिए यहां पर डटे रहना और भी परेशानी भरा होगा। दो दिनों से बारिश का दौर चल रहा है। बुधवार को तो सुबह से शाम तक बारिश का दौर थमा ही नहीं। कभी हल्की तो कभी तेज बारिश हुई। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी उन स्थानों पर आई, जहां पर आंदोलनकारियों के तंबू सड़क के साथ नीचे या फिर पार्कों में लगे हुए हैं।
वहां पर पानी जमा हो गया। काफी तंबू भी गिर गए। इस बार जुलाई की शुरूआत से ही रिकार्डतोड़ बारिश हो रही है। ऐसे में आंदोलन स्थल पर मच्छरों का प्रकोप भी खूब बढ़ा हुआ है। चार दिन पहले किसानों की मांग पर प्रशासन की ओर से टीकरी बार्डर पर सभा स्थल के आसपास फोगिंग भी करवाई थी, लेकिन अब फिर से तेज बारिश के कारण पानी जमा होने से मच्छरों की फौज पनपने की परिस्थिति पैदा हो गई है।
एक दिन पहले दिया था धरना :
आंदोलनकारियों द्वारा मंगलवार को लघु सचिवालय के गेट पर धरना देकर तहसीलदार को मांगाें का ज्ञापन सौंपा था। इसमें आंदोलन स्थल पर पानी के 60 टैंकर रोजाना भेजने, मच्छर-मक्खियों से बचाव के लिए नियमित रूप से फाेगिंग करने, आंदोलन स्थल पर सफाई करवाने और कूड़े का उठान करने, सड़काें पर जगह-जगह हुए गड्ढों को भरने और बिजली की समस्या दूर करने की मांग की थी। साथ ही राज्यपाल के नामित एक ज्ञापन करनाल की घटना को लेकर प्रशासन को सौंपा गया था।