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प्रदूषण के चलते एनजीटी के आदेश पर हुए है ईंट भट्ठे बंद, मकान बनाना हुआ महंगा, जानें भाव

प्रदूषण तेजी से बढ़ने के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने के लिए खानक डाडम ईंट-भट्ठों को बंद करने के आदेश जारी किए है। इसके अलावा प्रदूषण जो भी फैला रहा है उसको बंद करने के आदेश हुए है। उसका सीधा

By Naveen DalalEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 08:12 PM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 08:12 PM (IST)
प्रदूषण के चलते एनजीटी के आदेश पर हुए है ईंट भट्ठे बंद, मकान बनाना हुआ महंगा, जानें भाव
ईंट-भट्ठे बंद होने से सीधा असर अब आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।

भिवानी, जागरण संवाददाता। भिवानी में मकान बनाना अब महंगा हो गया है। इसका मुख्य कारण प्रदूषण है। प्रदूषण ज्यादा होने पर ईंट-भट्ठे, खानक, डाडम आदि क्षेत्र बंद होने से वहां से आने वाले माल के रेट बढ़ गए है। ईंट के रेट जहां 65सौ रुपये तक पहुंच गए है तो क्रशर, रोड़ी के रेट 700 रुपये प्रति टन हो गया है। लगातार बढ़ते भाव से आम आदमी दुखी है। वहीं क्रशर और रोड़ी का रिटेल में रेट और ज्यादा हैं।

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दो माह पहले तक 52सौ से 53सौ तक का रेट था

प्रदूषण तेजी से बढ़ने के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने के लिए खानक, डाडम, ईंट-भट्ठों को बंद करने के आदेश जारी किए है। इसके अलावा प्रदूषण जो भी फैला रहा है उसको बंद करने के आदेश हुए है। उसका सीधा असर अब आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।

ईंट-भट्ठे बंद, रेट बढ़े

ईंट-भट्ठे को बंद हुए काफी समय हो चुका है। इनके बंद होने के समय तक इनसे आम आदमी को ईंट पांच हजार रुपये से 52सौ रुपये तक मिल रही थी। लेकिन अब ज्यादा संकट हो गया है। अब इनके रेट करीब एक माह के अंदर ही 64सौ से 65 रुपये तक पहुंच गया है। इस रेट में ईंट शहर की दुकानों पर रिटेल में मिलती है। दुकानदारों का कहना है कि पिछे से ही रेट काफी महंगे है। भट्ठे बंद है तो यह स्थिति आगे भी बनी रहेगी। कारण है ईंट-भट्ठों को फरवरी-मार्च तक शुरू किया जा सकता है।

क्रशर-रोड़ी के रेटों में आई तेजी

खानक और डाडम को बंद कर दिया गया है। माइनिंग ज्यादा होने से प्रदूषण का स्तर भी काफी तेजी से बढ़ रहा था। खानक के बंद होने से अब रेट भी तेजी आई है। जहां खानक में पहले क्रशर और रोड़ी का रेट 500 से 550 रुपये प्रति टन था। अब वह 700 रुपये तक पहुंच गया है। इसके अलावा सामान लाने का गाड़ी किराया अलग होता है। आम आदमी को सीधे तौर पर महंगा सामान मिलने पर उसकी जेब पर बोझ पड़ा है।

गजानंद, ईंट-क्रशर विक्रेता

ईंट, क्रशर, रोड़ी के रेटों में काफी तेजी आई है। महंगा सामान मिल रहा है तो आगे भी महंगा ही दिया जाता है। ईंट के रेट 64 सौ से 65 सौ रुपये तक है। इसी प्रकार क्रशर-रोड़ी में 100 से 150 रुपये प्रति टन की वृद्धि हुई है। रिटेल में यह रेट और ज्यादा है।


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