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ओमिक्रोन अलर्ट के चलते हिसार आयुर्वेद विभाग के पास दवा का पहुंचा 6 माह का अतिरिक्त भंडारण

आयुर्वेद विभाग के पास दवा का 6 माह का अतिरिक्त भंडारण पहुंच गया है। यह दवा ओमिक्रोन को हराने में मरीज की रोग प्रतिरोधक बढ़ाने में कारगर होगी। जैसे कि सांस लेने में दिक्कत हो गले में दर्द या खराश फीवर या वायरल आदि।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 07:59 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 07:59 AM (IST)
ओमिक्रोन अलर्ट के चलते हिसार आयुर्वेद विभाग के पास दवा का पहुंचा 6 माह का अतिरिक्त भंडारण
आयुर्वेदिक दवाओं की ओर फिर से लाेगों का रुझान बढ़ने लगा है

जागरण संवाददाता, हिसार। हिसार जिले में ओमिक्रोन वेरिएंट के चलते आयुर्वेद विभाग के पास दवा का 6 माह का अतिरिक्त भंडारण पहुंच गया है। यह दवा ओमिक्रोन को हराने में मरीज की रोग प्रतिरोधक बढ़ाने में कारगर होगी। जैसे कि सांस लेने में दिक्कत हो, गले में दर्द या खराश, फीवर या वायरल आदि। पिछली पहली व दूसरी लहर में भी आयुर्वेद की अहम भूमिका रही थी।

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संक्रमित होने वाले 90 प्रतिशत मरीजों ने आयुर्वेद का उपचार लिया था, जिन्होंने काफी सराहना की थी। यहां तक कि एलोपैथी चिकित्सकों व स्टाफ नर्सों ने भी आयुर्वेद व घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल किया था। आयुर्वेद उपचार से रोग प्रतिरोधक क्षमता जल्दी बढ़ी और कोरोना को हराने में कामयाब रहे।

कैमरी पीएचसी पर खांसी, जुकाम व फीवर संबंधित हर रोज ऐसे 50 से 60 मरीज आते है, जो आयुर्वेदिक उपचार लेकर जाते है।अस्पताल में प्रतिदिन की करीब 100 ओपीडी रहती है। इनमें से ज्यादा फीवर के मिलते है। ओमिक्रोन का असर गले पर अधिक होता है, जिससे दर्द अधिक होता है। वरना पहले कोरोना से गले में खराश व दर्द कम होता था। एएमओ का कहना है कि अब तक ओमिक्रोन का मरीजों पर अधिक असर नहीं है।

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कोरोना संदिग्ध लक्षण होने पर एएमओ मरीजों को आयुर्वेदिक की यह दवा देते है। एएमओ का कहना है कि कोई भी मरीज बिना चिकित्सक से जांच करवाएं खुद ही दवा न लें।

- गले में कम दर्द हो तो मुलेठी पाउडर दिया जाता है। खराश या दर्द अधिक हो तो स्वास सरी वटी कारगर है, जिसमें अदरक भस्म, मुलेठी, सौंठ, मुक्सासुवित गोगन वटी, क्वाल यष्ठी आदि होती है।

- सांस लेने में दिक्कत हो तो अगस्ते हरि की रसायन।

- वायरल में त्रिभुवन कृति रस, जिसमें पारद, मर्करी, गंधक, तांबर भस्म, शुद्ध मनसिला व शुद्ध हरिपाल।

- फीवर में सुदर्शन घनवटी, संजीवनी वटी, संशवनी वटी।

डेढ़ माह तक रहेगा चरम पर

विशेषज्ञों का कहना है कि 15 जनवरी से मार्च माह तक कोराेना चरम पर रहेगा। डेढ़ माह तक अधिक केस बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। मार्च माह के पहले सप्ताह में केस कम होने की उम्मीदें है, जिससे राहत मिलेगी।

-----हमारे पास दवा का 6 माह का भंडारण पहले ही आया हुआ है। यह दवाएं ओमिक्रोन वेरिएंट में कारगार है। रोजाना 50 से 60 मरीज आयुर्वेदिक दवा लेने आते है।

डा. नितिन, एएमओ, कैमरी पीएचसी प्रभारी।


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